चित्रकूट. 3 अक्टूबर से नवरात्रि का पर्व चालू हो गया है. ऐसे में सभी भक्त मां दुर्गा की प्रतिमा को अपने घरों या पंडालों में स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंदिर में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ भी देखने को मिलती है. आज हम चित्रकूट के एक ऐसे दुर्गा मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां माता सती की साड़ी की छाप से यह मूर्ति प्रकट हुई थी और लोग इसे अब आनंदी माता के नाम से जानते हैं. नवरात्रि के समय इस मंदिर में अच्छी खासी भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है.
आनंदी माता भक्तों की मुराद करती है पूरी
बता दें कि चित्रकूट के मानिकपुर तहसील क्षेत्र स्थित पाठा के जंगलों के बीच ऊंचाई में आनंदी माता का मंदिर बना हुआ है. हालांकि इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको जंगल भरे पक्के रास्ते से गुजरकर पहुंचाना पड़ेगा. इस मंदिर में लगभग 300 सीढ़ी चढ़ने के बाद आनंदी माता मंदिर में भक्त प्रवेश करते हैं. मंदिर की मान्यता है कि जब शंकर भगवान सती जी को लेकर जा रहे थे, तब भगवान विष्णु भगवान ने चक्र मारा तो आनंदी माता मंदिर के पुजारी चंद्रमा दास ने लोकल 18 को बताया कि यह प्रतिमा काफी प्राचीन है. इस प्रतिमा में माता सती का अवतार है. . जिससे यह मूर्ति यहां स्थापित हो गई. जिसे आज लोग माता आनंदी के नाम से जानते हैं. आनंदी माता नवरात्रि के समय सभी भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी करती है.
माता सती की यहां गिरा है साड़ी और अंग
आनंदी माता मंदिर के पुजारी चंद्रमा दास ने लोकल 18 को बताया कि यह प्रतिमा काफी प्राचीन है. इस प्रतिमा में माता सती का अवतार है. जब शंकर भगवान सती जी को उठाकर ले जा रहे थे. तभी विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र से सती जी को मारा था, तो उसका कुछ अंग और साड़ी यहां गिरा था. वह यहीं पर गिरकर स्थापित हो गई. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में भक्त दूर-दूर से माता सती के दर्शन के लिए आते हैं, मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से नौकरी, घर की परेशानी जैसे समस्या खत्म होने की मन्नत मांगता है. माता सती उसका कल्याण करती है. इसलिए, खास का नवरात्रि के समय में इसे मंदिर में भक्तों की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है.
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FIRST PUBLISHED : October 6, 2024, 15:04 IST