नई दिल्ली. डेब्यू टेस्ट में शतक बनाना हर बैटर का ख्वाब हो सकता है. यह ख्वाब किसी-किसी का ही सच हो पाता है. भारत के एक बैटर का यह खवाब आज ही के दिन सच हुआ था. साल था 1985. मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने पहले टेस्ट मैच में 3 जनवरी 1985 को ही शतक लगाया था. अजहर के शतकों का यह सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि उन्होंने अपने पहले तीनों टेस्ट मैच में शतक ठोक दिए. हालांकि, उनके करियर का अंत भयावह रहा.
भारतीय क्रिकेट में जब भी कलाई के जादूगरों की बात होती है तो मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम जरूर लिया जाता है. भारत के इस क्रिकेटर ने 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ ईडन गॉर्डन स्टेडियम से अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की. उन्होंने इस मैच के तीसरे दिन 110 रन की पारी खेली थी. इसके बाद उन्होंने अगले दो टेस्ट मैच में भी शतक बनाए. इससे उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई. क्रिकेट फैंस ने उन्हें वंडर बॉय का नाम दिया.
मोहम्मद अजरुद्दीन ने अपने करियर में खूब नाम कमाया. उन्होंने 221 मैचों में भारत की कप्तानी की, जो 2015-16 तक रिकॉर्ड थी. एमएस धोनी (332 मैच) ने उनका यह रिकॉर्ड तोड़ा. अजहर ने 3 वर्ल्ड कप में भी कप्तानी की. करियर की इस ऊंचाई पर पहुंचे अजहर साल 2000 में अचानक जमीन पर आ गिरे. दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया कि अजहर मैच फिक्सिंग में शामिल हैं. सिर्फ भारत ही नहीं, पूरे क्रिकेट जगत में भूचाल आ गया. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अजहर पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, बाद में कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया.
99 में अटका टेस्ट करियर
मैच फिक्सिंग के चलते ही अजहर टेस्ट करियर में मैचों का शतक नहीं लगा सके. अजहर ने 99 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उनका बेस्ट स्कोर 199 रहा. अजहर ने 45.03 की औसत से 6215 रन बनाए. अजहर ने इसके अलावा 334 वनडे मैच भी खेले.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 06:56 IST