नई दिल्ली. बॉलीवुड के चिंटू जी यानी ऋषि कपूर को कौन नहीं जानता. दिवंगत दिग्गज भारतीय सिनेमा के सबसे मशहूर नामों में से एक हैं. उन्होंने अपने शानदार करियर में कई यादगार फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए. पुराने दौर में रोमांटिक किरदारों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाले ऋषि साहब की बढ़ती उम्र में ये स्वीकार किया था कि स्क्रीन पर खुद को जवां देखकर उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती थी. ऐसा उन्होंने क्यों कहा था? क्यों उन्होंने एक समय में फिल्मी पर्दे से दूरी बना ली थी. इस बात का खुलासा उन्होंने खुद किया था.
2011 में उन्होंने फर्स्टपोस्ट के साथ बातचीत में इस बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था ‘मुझे अपने जीवन में कोई पछतावा नहीं है. भले ही मेरा नाम टॉप नामों में नहीं है. मैंने स्टारडम का इंतजार नहीं किया. ‘बॉबी’ 1973 में तुरंत हिट हो गई और उसके बाद मुझे इसकी सफलता की बराबरी करने के लिए संघर्ष करना पड़ा.’ उन्होंने आगे कहा था कि मैं 1973-1998 तक 25 सालों तक एक स्टार के रूप में काम करता रहा. लेकिन उसके बाद मैं ऊब गया, मेरा वजन बढ़ गया और मुझे लगा कि मैं नए स्टार्स (यंग एक्टर्स) के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता.
जब एक झटके में छोड़ी एक्टिंग
ऋषि कपूर ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से दूरी बना ली थी और डायरेक्शन में कदम रखा था. उन्होंने वो पल भी याद किया और बताया, ‘मैं जिन फिल्म निर्माताओं के साथ काम करने जा रहा था, उन्हें मैंने पैसे वापस दे दिए और तीन महीने तक घर पर बैठा रहा. फिर मैंने ऐश्वर्या राय-बच्चन और अक्षय खन्ना के साथ ‘आ अब लौट चलें’ का निर्देशन करने का फैसला किया.’
ऋषि कपूर बॉलीवुड में चिंटू जी के नाम से फेमस हुए. उन्होंने इंडस्ट्री में करीब 5 दशक तक काम किया और इन 50 सालों में उन्होंने 121 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
‘चाचा शशि कपूर समझ गए थे मैं एक्टर बनना चाहता हूं…’
चिंटू जी ने एक अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरुआत को याद करते हुए कहा था, ‘मैं 39 सालों से काम कर रहा हूं. मैंने 16 साल की उम्र में ‘मेरा नाम जोकर’ से शुरुआत की… मेरे चाचा शशि कपूर ने देखा कि मैं अभिनेता बनना चाहता हूं क्योंकि मैं पेंसिल लेता था और अपने चेहरे पर नकली मूंछें बनाता था और आरके स्टूडियो के आस-पास घूमना पसंद करता था.
जब पेपर में आए जीरो नंबर, राज कपूर ने कही थी ये बात
‘चांदनी’ एक्टर ने आगे उस किस्से का भी जिक्र किया था जब सीनियर कैम्ब्रिज के दौरान उन्हें अंग्रेजी की परीक्षा में जीरो नंबर मिले थे. 14 पेज पर मैंने सार लिखा था. उन दिनों हमारे परीक्षा का कॉपियां इंग्लैंड में चैक होती थी और इसलिए स्वाभाविक रूप से, मैं घबरा गया. मैं बहुत निराश हो गया था इसलिए मेरे पिता (राज कपूर) ने मुझसे कहा था, ‘हिम्मत मत हारो और ‘कल आज और कल’ में सहायक निर्देशक के रूप में काम करो और उसके बाद एक्टिंग की शुरुआत हुआ. मैं डिफॉल्ट रूप से हीरो था.
ऋषि कपूर ने अपनी डेब्यू फिल्म ‘बॉबी’ से दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई.
‘मैं खुद को स्क्रीन पर देखकर शर्मिंदा हूं…’
हालांकि, ऋषि कपूर को अपनी पिछली फिल्में टीवी पर देखना पसंद नहीं था. उन्होंने बताया था कि वो चैनल बदल देते थे. उन्होंने बताया था कि मैं इसे या किसी भी चीज को कमतर नहीं दिखा रहा हूं, लेकिन मैं खुद को स्क्रीन पर देखकर शर्मिंदा हूं. मुझे नहीं पता कि नार्सिसिस्ट के लिए कोई विपरीत शब्द है या नहीं… लेकिन मैं अपनी फिल्में देखकर ऐसा ही महसूस करता हूं. मैं एक अभिनेता के रूप में अपने शारीरिक स्वरूप की प्रशंसा कर सकता हूं, लेकिन अपने काम की नहीं.
आखिरी बार ‘शर्माजी नमकीन’ में आए नजर
ऋषि कपूर को आखिरी बार ‘शर्माजी नमकीन’ में देखा गया था, जो दिग्गज एक्टर की स्थायी विरासत की एक मार्मिक याद थी. जूही चावला के साथ, कपूर ने जीवन की नई चुनौतियों का सामना करने वाले एक सेवानिवृत्त मध्यवर्गीय व्यक्ति शर्माजी के रूप में अपनी भूमिका का फिल्मांकन शुरू कर दिया था. हालांकि, अप्रैल 2020 में उनके निधन से ये प्रोजेक्ट अधूरा ही रह गया. हालांकि, मेकर्स ने ऋषि कपूर की स्मृति का सम्मान करने और फिल्म के पूरा होने को सुनिश्चित करने के लिए, परेश रावल ने प्रतिष्ठित भूमिका को दोहराते हुए विनम्रतापूर्वक उनकी जगह ली. आज ऋषि कपूर की तरह उनका बेटा रणबीर कपूर भी इंडस्ट्री में सफलता का परचम लहरा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 11:34 IST