मुंबई. ये कहानी है बॉलीवुड के चर्चित और मशहूर एक्टर-डायरेक्टर की जिन्होंने अपने भाई को सुपर स्टार बनाया. 70-80 के दशक में कई शानदार फिल्में प्रोड्यूस कीं. उनकी कुछ फिल्में तो कल्ट क्लासिक की श्रेणी में आती हैं. कई फिल्मों में लीड रोल निभाया लेकिन उनकी निजी जिंदगी विवादों में रही. जी हां! हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार देवानंद के भाई विजय आनंद की जिन्होंने ‘गाइड’, ‘ज्वेल थीफ’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘कोरा कागज’ जैसी सुपरहिट फिल्में दी हैं.
विजय आनंद का जन्म 22 जनवरी 1934 को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था. उनके पिता वकील थे. जब वह छह साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था. उन्होंने रोमांटिक, कॉमेडी, फैमिली ड्रामा और थ्रिलर हर तरह की फिल्मों में हाथ आजमाए और अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया. डायरेक्टर-प्रॉड्यूसर चेतन आनंद और एक्टर-डायरेक्टर देव आनंद उनने बड़े भाई थे. विजय आनंद ने दोनों भाइयों के साथ मिलकर ‘नवकेतन फिल्म्स’ प्रॉडक्शन हाउस में काम करना शुरू किया था और जल्द ही अपनी अलग पहचान बनाई. फिल्मों के प्रति विजय आनंद के विजन और एप्रोच को देखते हुए बॉलीवुड के कई बड़े डायरेक्टर और मॉडर्न फिल्म मेकर्स उन्हें ‘फिल्म मेकिंग ऑफ इनसाइक्लोपीडिया’ कहते थे. वह सिनेमा के जादूगर कहे जाते हैं. विजय आनंद ने 16 साल की उम्र में अपनी पहली स्क्रिप्ट लिखी थी. 21 साल की उम्र में उन्होंने पहली फिल्म डायरेक्ट की थी. वह गोल्डी के नाम से भी मशहूर थे.
गाइड, तीसरी मंजिल, ज्वेल थीफ जैसे तीन एक के बाद एक सुपरहिट फिल्म देने के बाद 1968 में विजय आनंद ने पहली फ्लॉप दी. फिल्म का नाम था ‘कहीं और चल.’ हालांकि 1970 में उन्होंने ‘जॉनी मेरा नाम’ से एक बार फिर से बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त वापसी की. 1971 में ‘तेरे मेरे सपने’ को उतनी सफलता नहीं मिली. यही फिल्म उनकी जिंदगी के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. ब्लेकमेल (1973), छुपा रुस्तम (1973), बुलेट (1976) भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकीं.
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इसी बीच, 1978 में विजय आनंद ने ‘राम बलराम’ फिल्म की शूटिंग के दौरान भारतीय समाज के तमाम नियमों-रिवाजों को ताक पर रख दिया और अपनी बड़ी बहन की बेटी यानी सगी भांजी सुषमा कोहली से ही दूसरी शादी कर ली. इस शादी को लेकर उनके परिवार में भी जमकर बखेड़ा हुआ. हालांकि अब दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं. दोनों का एक बेटा वैभव हुआ जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं.
सुषमा कोहली ने 2018 में एक इंटरव्यू दिया था. इस खास बातचीत में उन्होंने बताया कि पति विजय आनंद असल जिंदगी में बेहद शर्मीले थे. सुषमा ने बताया, ‘वह बेहद शांत स्वभाव के व्यक्ति थे. कभी गुस्सा नहीं कर सकते थे, इसके उलट मैं ही कभी-कभी गुस्सा कर बैठती थी. हमने 1978 में ‘राम-बलराम’ की शूटिंग के दौरान शादी की थी. उन्हें जानबूझकर चिढ़ाया करती थी. कभी वो मुझे समझाते थे और कभी मैं पूरे मामले को संभाल लेती थी.’
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विजय आनंद ने पहली शादी लवलीन थडानी से की थी. विजय उस समय बिलेन प्रेमनाथ के बेटे प्रेम किशन और शेखर कपूर को लेकर बोल्ड रोमांटिक फिल्म ‘जान हाजिर है’ बना रहे थे. लवलीन लीड रोल में थीं. बाद में लवलीन को विजय से प्यार हो गया. दोनों ओशो रजनीश के पुणे आश्रम जाने लगे. लवलीन ने ही विजय के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था और जान हाजिर है का लीड रोड छोड़ दिया था. लवलीन समझ चुकी थीं कि विजय उनके फिल्मों में काम करने के खिलाफ हैं. कुछ समय बाद लवलीन ने फिल्मों में काम करने की इच्छा विजय से बताई. विजय इस बात से परेशान हो गए क्योंकि वह शो बिज की दुनिया छोड़ना चाहते थे. उन्होंने तलाक ले लिया.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 10:39 IST