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रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिताभ ने यह प्रोजेक्ट निष्ठा फाउंडेशन को सौंप दिया, जिसकी कमान जया प्रदा के पास थी. वादा पूरा होते देखने के लिए उत्सुक ग्रामीणों ने निर्माण के लिए 10,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि की पेशकश भी की. फिर भी, कॉलेज एक अधूरा सपना बनकर रह गया. लगभग 10 साल तक जब सपने साकार नहीं हुए तो 2018 में, दौलतपुर के लोगों ने इसे इसकी कमान अपने हाथों में ली और स्कूल की जगह सफलतापूर्वक एक डिग्री कॉलेज की स्थापना की है.