सिनेमा को समाज का आईना माना जाता है. कई बार समाज की वो बारिकीयां जो हम अपनी खुली आंखों से नहीं देख पाते हैं, उसे हम फिल्मों के जरिए देखते हैं. हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में रही हैं जिनके माध्यम से फिल्ममेकर्स ने पर्दे पर समाज की सच्चाई दिखाई है, लेकिन कमाई के मामले में ये फिल्में बुरी तरह पिट गई थीं. आज साल 2010 में आई एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे डायरेक्टर राहुल ढोलकिया ने जान का जोखिम उठाकर फिल्माया था, लेकिन बॉक्स-ऑफिस पर इसका बुरा हश्र हुआ.
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