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Manoj Kumar Film Shaheed: मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली. आज हम आपको मनोज कुमार की उस हिट फिल्म के बारे में बताते हैं जिसे राजेश खन्ना ने रिजेक्…और पढ़ें
साल 1965 में हिट हुई थी मनोज कुमार की फिल्म.
हाइलाइट्स
- 87 साल की उम्र में हुआ मनोज कुमार का निधन
- राजेश खन्ना ने ठुकरा दी थी मनोज कुमा की हिट फिल्म.
- इस विलेन के करियर के लिए वरदान बन गई थी मूवी.
नई दिल्ली. दिग्गज एक्टर मनोज कुमार का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया. वह 87 साल के थे. मनोज कुमार अपनी देशभक्ति फिल्मों और राष्ट्रवाद पर गहरी सोच के लिए जाने जाते थे. उन्होंने इन मुद्दों पर कई फिल्में बनाईं, जिसकी वजह से उन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता था. आज हम आपको मनोज कुमार की उस फिल्म के बारे में बताते हैं, जिसमें काम करन से राजेश खन्ना ने मना कर दिया था.
प्रेम चोपड़ा को मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ बड़ा ब्रेक मिला था. यह फिल्म साल 1965 में रिलीज हुई थी. इसमें प्रेम चोपड़ा ने सुखदेव का किरदार निभाया था. फिल्मफेयर से बात करते हुए प्रेम चोपड़ा ने बताया था कि इस रोल के लिए पहले राजेश खन्ना को चुना गया था, लेकिन किरदार में कुछ ग्रे शेड्स थे. उस वक्त मेकर्स को लगा कि इससे राजेश खन्ना की हीरो वाली छवि पर असर पड़ सकता है. इसके बाद काका ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया. फिर मनोज कुमार ने इस रोल के लिए प्रेम चोपड़ा को कास्ट कर लिया था.
राजेश खन्ना ने क्यों नहीं किया था काम?
प्रेम चोपड़ा कहा, ‘राजेश खन्ना भगत सिंह फिल्म में सुखदेव का किरदार निभाने वाले थे. लेकिन इस किरदार में कुछ ग्रे शेड्स थे. मेकर्स के पैनल ने कहा कि उनकी निगेटिव इमेज नहीं चलेगी. इस वजह से राजेश खन्ना को पीछे हटना पड़ा. मनोज कुमार ने मुझे अप्रोच किया. शहीद’ फिल्म बड़ी हिट साबित हुई और फिर पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. उन्होंने आगे कहा, ‘मनोज कुमार ने मेरे करियर में बहुत योगदान दिया. मैंने उनके साथ कई फिल्में कीं, जैसे ‘डॉ. विद्या’ ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘यादगार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’ और सोहनलाल कंवर की ‘संन्यासी’ और ‘बेईमान’.
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कई अवॉर्ड जीत चुके थे मनोज कुमार
बताते चलें कि 24 जुलाई, 1937 को अमृतसर, पंजाब में हरिकृष्ण गोस्वामी के रूप में जन्में मनोज कुमार ने हिंदी सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई. उनकी ‘शहीद’, ‘उपकार’ और ‘रंग दे बसंती’ जैसी यादगार फिल्मों ने जनता के दिलों में देशभक्ति की अलख जगाई. मनोज कुमार को भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें 1 नेशनल अवॉर्ड और कई कैटेगरी में 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड शामिल हैं. भारत सरकार ने उन्हें साल 1992 में पद्म श्री से सम्मानित किया था. इसके बाद साल 2015 में मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया, जो इंडियन सिनेमा में सबसे बड़ा सम्मान है.