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पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में रैपर हनुमानकाइंड के गाने ‘रन इट अप’ की तारीफ की. हनुमानकाइंड आज दुनिया भर में मशहूर हैं. गाने ‘रन इट अप’ में ऐसा क्या खास है, जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी बातों में…और पढ़ें
हनुमानकाइंड रैपिंग के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. (फोटो साभार: IANS)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 30 मार्च को अपने रेडियो शो ‘मन की बात’ के 120वें एपिसोड में रैपर हनुमानकाइंड के गाने ‘रन इट अप’ का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि ये नाम अब किसी पहचान का मोहताज नहीं है और दुनिया भर में लोग इनके फैन है. आइए, विस्तार से जानते हैं कौन हैं हनुमानकाइंड और क्या है ‘रन इट अप’ में खास.
रेडियो शो के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे स्वदेशी खेल अब लोकप्रिय हो रहे हैं और कल्चर के रूप में घुल-मिल रहे हैं. आप सभी मशहूर रैपर हनुमानकाइंड को तो जानते ही होंगे. आजकल उनका नया गाना ‘रन इट अप’ काफी फेमस हो रहा है. इसमें कलारीपयट्टू, गतका और थांग-ता जैसी हमारी पारंपरिक मार्शल आर्ट्स को शामिल किया गया है.’
15 साल की उम्र से कर रहे हैं रैप
हनुमानकाइंड का रैप सॉन्ग ‘रन इट अप’ कुछ समय से सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में छाया हुआ है. हालांकि, रैपर का असली नाम हनुमानकाइंड नहीं है. उनका असली नाम सूरज चेरुकट है. 17 अक्टूबर 1992 को केरल के मलप्पुरम में जन्मे सूरज भारत के साथ ही इटली, नाइजीरिया, दुबई, सऊदी अरब समेत अन्य कई देशों में अपनी परफॉर्मेंस दे चुके हैं. महज 15 साल की उम्र से वह अपने दोस्तों के साथ रैप करना शुरू कर चुके थे. उन्हें स्टेज के नाम हनुमानकाइंड से लोकप्रियता मिली.
नाम के पीछे दिलचस्प किस्सा
हनुमानकाइंड ने एक इंटरव्यू में अपने नाम के पीछे का किस्सा भी सुनाया था. सूरज ने बताया, ‘मैंने हनुमान और अंग्रेजी शब्द मैनकाइंड यानी मानवता को जोड़कर अपना ये नाम रखा था. हनुमान एक ऐसा नाम है, जिसे आप भारत में हर जगह सुन सकते हैं.’
गाने ‘रन इट अप’ में दिखाई भारत की झलक
7 मार्च 2025 को रिलीज हुए हनुमानकाइंड के नए गाने ‘रन इट अप’ में भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है, भारत की विविधता के दर्शन होते हैं. इसमें अलग-अलग राज्यों की लोक और मार्शल आर्ट की झलक दिखती है. ‘रन इट अप’ में केरल का कलारीपयट्टू, चेंडामेलम, गरुड़न परावा, कंदन्नार केलन और वेल्लाट्टम के साथ ही महाराष्ट्र का मार्शल आर्ट ‘मर्दानी खेल’, पंजाबी मार्शल आर्ट ‘गदका’ और मणिपुरी मार्शल आर्ट ‘थांग ता’ भी दिखाया गया है.