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Thursday, July 17, 2025

अक्षय कुमार का दर्दभरा गाना, 1 लाइन पर खूब रोए थे दर्शक, फफक कर रो पड़ा था सिंगर, लेने पड़े 150 टेक

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Nusrat Fateh Ali khan songs: लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी जैसे दिग्गजों ने अलग-अलग सिचुएशन पर ऐसे दर्दभरे गाने गाए, जिन्हें सुनकर लोगों की आंखों में आंसू आ जाते हैं. ऐसा ही एक गाना नुसरत फतेह अली खान ने हिंदी फिल्म…और पढ़ें

दर्दभरे गाने का संगीत नदीम-श्रवण ने तैयार किया था.

हाइलाइट्स

  • गाने को समीर अंदान ने लिखा था.
  • नुसरत फतेह अली खान ने गाना गाया था.
  • फिल्म ‘धड़कन’ का गाना आज भी बहुत पॉपुलर है.
नई दिल्ली: पाकिस्तानी सिंगर नुसरत फतेह अली खान ने निधन से पहले एक बॉलीवुड फिल्म के लिए बेहतरीन गाना गाया था, जिसे सुनकर आज भी लोगों के आंखों में आंसू आ जाते हैं. गाने को शिल्पा शेट्टी और अक्षय कुमार पर फिल्माया गया था, जिसे गीतकार समीर अंदान ने लिखा और संगीत नदीम-श्रवण ने तैयार किया था. हम सुपरहिट गाने ‘दूल्हे का सेहरा’ की बात कर रहे हैं, जिसकी मेकिंग का किस्सा एक बार गीतकार समीर अंदान ने सुनाया था.

समीर अंजान ने गाने का किस्सा सुनाते हुए ‘लल्लनटॉप’ को बताया था, ‘दरअसल, नदीम मियां, नुसरत फतेह अली खान के बहुत बड़े फैन थे. किस्मस से नुसरत साहब मुंबई आए. उस वक्त मैं ‘धड़कन’ के गाने लिख रहा था. ‘दिल ने ये कहा है दिल’ वो सारे गाने रिकॉर्ड हो गए थे. नदीम भाई ने कहा कि नुसरत भाई आए हैं, तो एक गाना उनका इस पिक्चर में आ जाए, तो मजा आ जाएगा. पहले तो उन्हें मनाना मुश्किल था. वे बाहर का गाना गाते नहीं थे, लेकिन नदीम-श्रवण के वो भी फैन थे. हम उनसे होटल मिलने गए. बोले- आओ आओ नदीम आओ. नदीम बोले- खान साहब मेरी दिली तमन्ना है कि आप मेरा एक गाना गाएं.’

नुसरत फतेह अली खान गाना गाने को तैयार हो गए, लेकिन अपनी भी शर्त रख दी. समीर अंदान ने आगे बताया, ‘नुसरत साहब बोले कि गाना मुझे पसंद आना चाहिए. अगर गाना मुझे पसंद आया, तो मैं जरूर गाऊंगा. नदीम ने ‘दूल्हे का सेहरा’ गाना बनाया और हम उसे लेकर उनके पास पहुंचे. उन्होंने गाना सुनने के बाद हामी भर दी और बोले-तुम जल्दी से जल्दी स्टूडियो बुक करो.’

बेटी को याद करके रो रहे थे नुसरत फतेह अली खान
सनी देओल के स्टूडियो ‘सनी स्टूडियो’ में इसकी शूटिंग हुई. गीतकार फिर गाने की रिकॉर्डिंग का किस्सा सुनाते हैं. वे कहते हैं, ‘ किस्मत से उस वक्त पहली बार 100 ट्रैक की मशीन इंडिया आई थी. अंग्रेज आया हुआ था सिखाने के लिए. वह पहले भी नुसरत फतेह अली खान को रिकॉर्ड कर चुका था. वह जानता था कि उन्हें कैसे रिकॉर्ड करना है. गाते-गाते वह लाइन आई- ‘मैं तेरी बाहों के झूले में पली बाबुल.’ नुसरत साहब उस लाइन में आए और रोने लगे. गाना कट हो जाए. कम से कम डेढ़ सौ बार उसी लाइन पर गाना कट हो जाए. इस पर नदीम ने कहा कि खान साहब कल रिकॉर्ड करते हैं, आप थक गए होंगे. नुसरत साहब बोले- नदीम, आज यह गाना हुआ तो हुआ, वरना यह आगे मुझसे होगा नहीं. यह जो बुखार आया है न, इस बुखार में ही यह निकलेगा. वरना में गाऊंगा नहीं. जब उनसे पूछा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो बोले कि जैसे ही वह लाइन आती है, मुझे अपनी बेटी याद आ जाती है.’

दिल से निकला गीत दिल तक पहुंचा
थियेटर पर जब फिल्म ‘धड़कन’ का यह गाना बजा था, तब उसी लाइन पर दर्शक खूब रोए थे, जिसे लिखने में समीर अंजान ने अपना दिल झोंक दिया था. नुसरत साहब की गायकी और नदीम-श्रवण के संगीत ने इसे सदाबहार बना दिया. वे दिल से गाने वाले गायक थे, जिनकी आवाज सीधा दिल को छूती थी. नुसरत फतेह अली खान के गुजरने के बाद वह गाना कादर खान को गेटअप देकर शूट किया गया.

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Abhishek Nagar

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल… और पढ़ें

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