उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के टिप्पणी पर विवाद जारी है। अब भारतीय जनता पार्टी के नेता नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। साथ ही नरसिंहानंद को ‘शांति का दुश्मन’ करार दिया है। इस संबंध में जम्मू और कश्मीर के मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
MMU ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर शाह को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि नरसिंहानंद की भड़काऊ बयानबाजी ने मुसलमानों के बीच भावनात्मक संकट तैयार किया है। साथ ही इससे बड़े स्तर पर अशांति की आशंकाएं भी तैयार हो गई हैं। MMU का कहना है कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज में बोलने की आजादी होती है, लेकिन यह नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का लाइसेंस नहीं देती है।
साझा बयान के अनुसार, ‘हम भारत सरकार से यति नरसिंहानंद के खिलाफ उनके नफरत भरे भाषण के चलते उचित कानूनी कार्रवाई की मांग करते हैं।’ आगे कहा गया, ‘इस मामले में तत्काल और सख्त कार्रवाई एक मजबूत संदेश भेजेगी कि नफरती भाषण और हिंसा भड़काने की इस समाज में कोई जगह नहीं है। यह मुसलमान समुदाय को भी आश्वासन देगी कि कानून में उनके धर्म और मूल्यों का सम्मान किया जाता है और उनकी रक्षा की जाती है।’
जम्मू और कश्मीर में भाजपा के वरिष्ठ नेता दरख्शां अंद्राबी ने नरसिंहानंद के बयान की निंदा की और उन्हें ‘एक परजीवी’ बताया ‘जो शांति का दुश्मन है।’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।’ अंद्राबी जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
कई मुस्लिम संगठनों ने महंत की गिरफ्तारी की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी (BSP), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे राजनीतिक दलों के नेता भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कहां हैं यति नरसिंहानंद
आपत्तिजनक टिप्पणी से शुरू हुए विवाद के बीच उनके समर्थकों ने रविवार को आरोप लगाया कि नरसिंहानंद को पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है।
पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) एन.के. तिवारी ने आरोप का खंडन करते हुए कहा कि नरसिंहानंद को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसके बाद कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।