मंत्री पद से इस्तीफा देकर जेडीयू छोड़ने वाले श्याम रजक को उम्मीद थी कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी उन्हें फुलवारीशरीफ से टिकट देगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। फिर उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। उनकी यह उम्मीद भी टूट गई।
बिहार की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्व मंत्री और आरजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भेजा है। इस खत में श्याम रजक ने अपना दर्द बयां किया है और पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में शायराना अंदाज में लिखा, ”मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।”
श्याम रजक ने इस्तीफा देने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ”आज राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव और दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा।” इसके साथ ही उन्होंने अपने पोस्ट में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी और जंगदानंद सिंह को भी टैग किया।
श्याम रजक ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भेजे पत्र में लिखा, ”मैं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव और दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। मैं शतरंज का शौकिन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।” इससे पहले श्याम रजक ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थमा था। मंत्री पद छोड़कर जेडीयू से इस्तीफा देने वाले श्याम रजक ने आरजेडी की सदस्यता ग्रहण की थी।
उन्हें उम्मीद थी कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी फुलवारीशरीफ से टिकट देगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। फिर 2020 के चुनावी परिणाम के बाद श्याम रजक को उम्मीद थी कि उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। उनकी यह उम्मीद भी टूट गई थी। आरजेडी ने मुन्नी रजक को विधान परिषद का सदस्य बना दिया था। खबरों के मुताबिक श्याम रजक एक बार फिर जेडीयू में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।