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Thursday, October 3, 2024

बरेली में प्रदूषण रोकने के लिए होगा ये काम, ई-बाइक शेयरिंग सिस्टम की चल रही है बात

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बरेली: गाड़ियों में यूज होने वाले सीएनजी और एलपीजी के फ्यूल से वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए नगरीय परिवहन निदेशालय ने शहर में ई बाइक शेयरिंग सिस्टम अपनाने की मांग की है. जिसके लिए बरेली समेत 15 शहरों से प्रस्ताव मांगा गया है. नगर निगम के सभी अधिकारियों को प्रस्ताव पत्र तैयार करने के बाद उसे प्रबंधन समिति के पास विचार करने के लिए रखना होगा. जिन शहरों में सिटी बसें चलाई जा रही हैं वहां लोगों को शहर के अंतिम छोर तक नगरीय परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है.

नगरीय परिवहन निदेशालय के निदेशक डॉ. राजेंद्र पेसिया ने नगर निगम को ई बाइक शुरू करने के लिए पत्र भेजा है जिसमें अलग-अलग जगह ई-बाइक सेवा शुरू कराने को कहा गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित निधि प्रबंधन समिति के इस प्रस्ताव को अगली बैठक में पूरी रिपोर्ट के साथ रखा जाना है. मंजूरी मिलने के बाद इसे धरातल पर उतारा जाएगा. नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त से ई बाइक चलाने की योजना पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.

नगर निगम से प्रस्ताव मिलने के बाद वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट इसका परीक्षण करेगा और शहर में ई मोबिलिटी की सुविधाओं से जुड़ी चीजों के बारे में पता करेगा. इससे लोगों को कितना फायदा होगा और आवागमन की सुलभता क्या होगी आदि जानकारी इकट्ठा की जाएंगी. डाटाबेस के आधार पर यह भी अध्ययन किया जाएगा कि इससे पर्यावरण स्तर में कितना सुधार होगा.

शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए नगर निगम से बाइक शेयरिंग सिस्टम लागू करने की मांग रखी है. शहर के हर व्यक्ति को यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निर्णय लिया गया है. जिन शहरों में सिटी बसें चलाई जा रही हैं वहां लोगों को शहर के अंतिम छोर तक नगरीय परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है. इसी के तहत आने वाले समय में विकल्प के तौर पर प्रदूषण रहित ई बाइक शेयरिंग लागू करने का रास्ता खोजा जा रहा है.

डब्ल्यूआरआई करेगा नगर निगम की रिपोर्ट का परीक्षण
शहर में ई बाइक चलाने की नगर निगम की रिपोर्ट का परीक्षण पहले नगर विकास विभाग का वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) करेगा. इसके बाद डब्ल्यूआरआई के सुझावों पर आगे की दिशा तय की जाएगी. इसमें देखा जाएगा कि शहर ई मोबिलिटी के लिए कितना सक्षम है. इससे लोगों को कितना फायदा होगा और आवागमन की सुलभता क्या होगी.

FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 16:01 IST



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