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Friday, September 13, 2024

मोहर्रम के महीने में बरेली में मिल रहे हैं काले झंडे, जानें वजह

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विकल्प कुदेशिया/बरेली: भारत में मोहर्रम के महीने को मुस्लिमों के दुख और गमी का महीना बताया जाता है. क्योंकि मुस्लिम समाज में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन की शहादत को याद करते हुए ताजिया बनवाया जाता है. इसके बाद इसका जुलूस निकाला जाता है. उसमें सभी मुस्लिम भाई अपने पैगंबर साहब की याद में जुलूस निकालकर उन्हें याद करते हैं.

बाजार से ताजिया की हो रही खरीदारी
वहीं, बरेली के पुराना शहर सैलानी से लेकर मोहल्ला जगतपुर तक इन दिनों मोहर्रम के चलते बाजारों में मुस्लिम पुरुष और महिलाओं ने ताजिया खरीदना शुरू कर दिया है. ऐसे में लड़कियां ने अपने जेवर और चूड़ियों को उतारने के साथ-साथ रंगीन लिबास को भी उतार कर काले लिवाजों में रह रही हैं. मोहर्रम का महीना अपने पैगंबर की याद में मनाया जाता है. बरेली का पुराना शहर से लेकर शहर आना सभी लोग गम ज्यादा हो चुके हैं. सभी के घरों पर काले कलर का झंडा दिखाई दे रहा है.

बता दें कि मोहर्रम के दिन मुस्लिम अपने पैगंबर की याद में मोहर्रम के महीने में को गम का महीना माना जाता है.  इसके अलावा कर्बला के 72 शहीदों का गम 2 महीने 8 दिनों तक मनाया जाता है. इसके साथ-साथ बरेली में सड़कों पर प्यासों के लिए पानी के सबीले लगाए जा रहे हैं, जिससे आने-जाने वाले प्यासे  ़ लोगों की प्यास बुझाई जा सकी.

जानें क्यों मनाया जाता है मोहर्रम
मोहर्रम का महीने में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवाजे हजरत हुसैन की शहादत को याद करके सभी महिलाएं जेवरों और चूड़ियों के साथ-साथ रंगीन वस्त्रों को उतार कर शोक के रूप में काले वस्त्र धारण कर लेती हैं. इसके बाद ताजिया सजाकर उसका जुलूस निकाला जाता है. इसके अलावा 72 शहीदों का गम 2 महीने 8 दिनों तक मनाया जाता है. ऐसे में लोग अपने घरों पर इमामबाड़े में काला झंडा लगा लेते हैं.

जानें मोहर्रम पर बाजार का माहौल
बरेली के बाजारों शियमगंज, शाहदाना और पुराने शहर में इस वक्त काले झंडे मोहर्रम के लिए मार्केट में मिल रहे हैं. वहीं, मोहर्रम के चलते पूरा बाजार ताजियों और जरीह से सजा हुआ है. इसके अलावा बाजारों में अलग-अलग तरह के ताजियों से भरा हुआ है. लोग अपने आलम के लिए ताजिया खरीदने में जुटे हुए हैं. बाजारों में हर तरफ पियासों के लिए पानी के सभीले लगाए जा रहे हैं. जिससे की प्यासे लोगों को पानी पिलाया जा सके. इसमें सभी तरह की रंगीन चीजों से परहेज किया जाता है.

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