बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी के हरख क्षेत्र के ग्राम दरावपुर निवासी अजीत कुमार ने शहद उत्पादन में नई ऊंचाइयों को छुआ है. उन्होंने मधुमक्खी के शहद से सिरका बनाने की तकनीक विकसित की है, जिसे वह जल्द ही बाजार में पेश करने जा रहे हैं. अभी तक आप ने गन्ना, जामुन और एप्पल का सिरका देखा या खाया होगा, लेकिन शहद का सिरका किसी ने नहीं सुना होगा. शहद का सिरका स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
शहद से सिरका बनाने की विधि
बाराबंकी जिले के एक युवा मधुमक्खी पालक अजीत कुमार ने अपने इनोवेशन से सबको चौंका दिया है. उन्होंने मधुमक्खी पालन से प्राप्त शहद से सिरका तैयार किया है. इस सिरके को चखने वाले लोग इसे बेहद स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बता रहे हैं. वहीं, अजीत का कहना है कि शहद से सिरका बनाना आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने इसे संभव किया है.
बता दें कि अजीत ने 5 बॉक्स से अपने मधुमक्खी पालन की शुरुआत की थी, लेकिन आज उनके पास 2000 से ज्यादा मधुमक्खी के बॉक्स हैं. वह अपनी पुश्तैनी जमीन पर मधुमक्खी पालन कर रहे हैं और जिले के अन्य हिस्सों में भी इसके विस्तार में जुटे हुए हैं.
मधुमक्खी पालन करने वाल किसान ने बताया
वहीं, मधुमक्खी पालन करने वाले अजीत कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उन्होंने मधुमक्खी पालन की नई तकनीकों को समझने के लिए विदेशों के विशेषज्ञों से भी संपर्क किया. इसके बाद उन्होंने मधुमक्खियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए लैब भी तैयार किया. उनका दावा है कि वह देश के पहले किसान हैं, जिन्होंने इस तकनीक को अपनाया है.
यह अनोखा सिरका है बहुत ही फायदेमंद
इसके जरिए वह सामान्य मधुमक्खियों की तुलना में दोगुना शहद उत्पादन कर रहे हैं. इससे साल में करीब 30 से 35 लाख की आमदनी हो रही है. अजीत का यह अनोखा सिरका न केवल स्वाद में उम्दा है. बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जा रहा है. अजीत कुमार इसे बाजार में जल्द लॉन्च करने की तैयारी कर रहें हैं.अजीत कुमार की इस उपलब्धि ने बाराबंकी का नाम रोशन किया है. उनके इनोवेशन ने दिखा दिया है कि मेहनत और नई सोच से कुछ भी संभव है.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 08:51 IST