बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ने के बाद बड़ी संख्या में हिंदू भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। बॉर्डर पर हजारों हिंदुओं को रोक दिया गया। वहीं कई रिपोर्ट में कहा गया कि बांग्लादेशी समुद्र के रास्ते भी भारत में प्रवेश कर सकते हैं। इसपर ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा के बाद बांग्लादेशियों के समुद्र मार्ग से तटीय राज्य में दाखिल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।
अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को वापस भेजा जाएगा
हरिचंदन ने कहा कि ओडिशा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें जल्द उनके देश भेजा जाएगा। पुलिस का कहना है कि भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और ओडिशा समुद्री पुलिस बांग्लादेश से सटी 480 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर त्रिस्तरीय सुरक्षा बनाए हुए हैं।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बांग्लादेशियों के समुद्र मार्ग से ओडिशा में दाखिल होने की संभावनाओं से जुड़े पत्रकारों के सवाल के जवाब में हरिचंदन ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने तटरक्षक बल और ओडिशा समुद्री पुलिस को इस तरह की कोशिशों को नाकाम करने के लिए समुद्र तट पर गश्त करने का निर्देश दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बाद ऐसी (बांग्लादेशियों के समुद्र मार्ग से तटीय राज्य में दाखिल होने की) कोई रिपोर्ट नहीं है।
हरिचंदन ने कहा, “कुछ बांग्लादेशी लंबे समय से ओडिशा में रह रहे हैं। राज्य सरकार उनके दस्तावेजों, मसलन-वीजा और वर्क परमिट या राज्य में रहने के किसी अन्य वैध कारण का सत्यापन करेगी। सत्यापन के बाद अवैध घुसपैठियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।” सरकारी सूत्रों के मुताबिक ओडिशा के सात जिलों में कुल 3,740 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान की गई है। इनमें से 1,649 केंद्रपाड़ा में, 1,112 जगतसिंहपुर में और 655 मलकानगिरि में अवैध रूप से रह रहे हैं।