अयोध्या: सनातन धर्म में होली, दीपावली और दशहरा जैसे बड़े त्योहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष दीपावली का पर्व कई जगहों पर 31 अक्टूबर तो कहीं-कहीं 1 नवंबर को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या पहुंचे थे जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका भव्य स्वागत भी किया था.
दीपावली से जुड़े वास्तु शास्त्र के नियम
ऐसे में दीपावली से जुड़े कुछ वास्तु शास्त्र में नियम भी बताए गए हैं. कहा जाता है इस नियम का पालन करने से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है और जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है, तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि दीपावली के दौरान वास्तु शास्त्र के किस नियम का पालन करना चाहिए.
अयोध्या के ज्योतिष ने बताया
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक पाव और त्योहार में इस नियम का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. दीपावली का पर्व आने वाला है और दीपावली में ऐसा माना जाता है कि वास्तु शास्त्र के नियम का पालन करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. दीपावली के दौरान घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि माता लक्ष्मी का वास साफ सफाई वाली जगह पर ही होता है.
टूटा हुआ शीशा घर में न रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटा हुआ शीशा रखने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. ऐसी स्थिति में दीपावली से पहले घर से टूटा हुआ शीशा निकाल दें. इसके अलावा बंद घड़ी भी निकाल देनी चाहिए.
खंडी प्रतिमा तालाब में करें विसर्जित
यदि आपके घर अथवा मंदिर में किसी देवी देवता की खंडी प्रतिमा विराजमान हैं, तो उसे यह दीपावली से पहले किसी पवित्र नदी अथवा तालाब में विसर्जित कर दें. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में खंडित मूर्ति को रखना शुभ नहीं माना जाता है.
अगर आपके घर में जूते चप्पल अथवा अलमारी में फटे पुराने चप्पल रखे हैं, तो दीपावली से पहले साफ सफाई करते समय इसको घर से बाहर कर दें. वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 12:37 IST
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