प्रयागराज: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज वह तपो भूमि है जहां दुनिया की सबसे बड़े माने जाने वाले आध्यात्मिक मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले को महाकुंभ नाम दिया गया. संगम की रेत पर महाकुंभ मेला प्रत्येक 12 वर्ष के बाद लगता है. महाकुंभ का आगाज तब माना जाता है जब देश के प्रमुख अखाड़े प्रयागराज में नगर प्रवेश करते हैं जिसको देखने के लिए लोग वर्षों इंतजार करते हैं. रविवार को श्री पांचदशनाम जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा ने अपने दल बल और सभी सन्यासियों के साथ नगर प्रवेश किया.
रास्ते भर करतब दिखा कर दिया आशीर्वाद
श्री पंचदस नाम जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा ने जब अंदावा के रामापुर से गाजा बाजा के साथ शाही सवारी करते हुए नगर प्रवेश के लिए भव्य शोभायात्रा निकाली तो नगर के लोग नागा संन्यासी और किन्नर सन्यासियों के दर्शन के लिए रास्ते के किनारे किनारे खड़े हो गए. सैकड़ों गाड़ियों पर निकले इस नगर प्रवेश ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा. इस दौरान घोड़े पर तलवार लेकर नागा संन्यासी निकले तो गाड़ियों के ऊपर लाठी और तलवार लिए नागा संन्यासियों से लोगों की नजर नहीं हटी. इस दौरान नगर वासियों ने नगर प्रवेश के दौरान इन साधु संतों का आशीष भी प्राप्त किया.
मौजगिरी में हुआ पूजन
झूंसी के रामापुर से निकल कर नगर प्रवेश कीडगंज में यमुना बैंक स्थित मौजगिरी पहुंचा. वहां जूना अखाड़ा के नगर देवता विराजमान हुए. एक महीना यहां रुकने के बाद संगम की रेती पर जूना अखाड़े के धर्म ध्वज की स्थापना की जाएगी. इस दौरान किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी त्रिपाठी श्री पांचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति महंत प्रेम गिरि जी महाराज, अध्यक्ष हरि गिरि जी महाराज, काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु नरेंद्रनंद सरस्वती, नगर देवता बेड़ीमाधव के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वैभव गिरी सहित कई बड़े सन्यासी मौजूद रहे.
गाजा बाजा और शाही सवारी के साथ रथ पर सवार होकर श्री पंचदस नाम जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा ने नगर प्रवेश किया. इसी से महाकुंभ की आगाज मानी जाती है. इसमें दोनों अखाड़े के देश भर के सैकड़ों संत शामिल होकर नगर के लोगों को आशीर्वाद देते हुए यमुना बैंक स्थित मौज गिरी आश्रम तक पहुंचकर एक महीने का वास करेंगे. इस दौरान नागा संन्यासियों ने खूब करतब दिखाए.
FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 12:49 IST