अलीगढ़. अलीगढ़ के खैर विधानसभा का उपचुनाव हर दिन दिलचस्प होता जा रहा है. शुरुआत में आजाद समाज पार्टी ने नितिन कुमार चौटेल को अपने प्रत्याशी के रूप में उतारा था. जबकि भाजपा ने हाथरस लोकसभा से भाजपा के पूर्व सांसद राजवीर सिंह दिलेर के बेटे सुरेंद्र सिंह दिलेर को टिकट देकर मैदान में उतारा है. खैर में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की पुत्रवधू चारु कैन को टिकट दिया है. चुनावी दंगल में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी पीछे नहीं रही और उन्होंने डॉ. पहल सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इन सभी प्रत्याशियों की मैदान में उपस्थिति ने खैर विधानसभा के इस उपचुनाव को और भी रोचक बना दिया है.
उधर बसपा ने सेवानिवृत सीएमओ डा. पहल सिंह पर दांव लगाया है. डा. पहल सिंह बसपा और वामसेफ से लंबे समय से जुड़े रहे हैं. डा. पहल सिंह 2018 में नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए और बामसेफ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. उनका राजनीति में प्रवेश 2018 में ही बसपा से हुआ था, और तब से वे पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं. डॉ. पहल सिंह महानगर के स्वर्ण जयंती नगर में 1985 से रह रहे हैं और अब इस चुनाव में अपने राजनीतिक करियर को एक नया मोड़ दे रहे हैं.
सपा को जाट और एससी का सहारा
चारु कैन बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की पुत्रवधू है. समाजवादी पार्टी के टिकट नामांकन करने पहुंची चारु कैन ने बताया कि खैर की जनता जाम से बहुत परेशान है तो मेरी प्राथमिकता रहेगी कि यहां सबसे पहले यातायात की व्यवस्था ठीक किया जाए और सड़क बनवाई जाएं. इसके अलावा जो मेरा दूसरा प्रमुख मुद्दा होगा वह स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करना होगा. मुझे उम्मीद है कि निष्पक्ष चुनाव होंगे तो समाजवादी पार्टी यहां अपना परचम जरूर लहराएगी. चारु कैन एससी है लेकिन उनके पति जाट समुदाय से है. खैर में जाट बिरादरी का दबदबा भी है. जिसके चलते जाट समुदाय और एससी समुदाय का वोट सपा को मिल सकता है. चारू कैन 2022 में खैर बीएसपी के टिकट पर विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी है.
क्या आरएलडी का वोट होगा ट्रांसफर?
भाजपा ने खैर विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व सांसद राजवीर सिंह दिलेर के बेटे सुरेंद्र सिंह दिलेर को टिकट देकर मैदान में उतारा है. सुरेंद्र दिलेर का राजनीतिक परिवेश रहा सुरेंद्र दिलेर ने कहा कि मेरा यही मानना है कि सबका साथ सबका विकास हो और इसी को मुझे आगे बढ़ाना है. इस उपचुनाव में मैं किसी से अपनी फाइट नहीं मान रहा हूं. जनता जो आदेश देगी वही मुझे स्वीकार होगा. खैर में जाट मतदाता ज्यादा है और आरएलडी हमारे साथ है तो मुझे यकीन है कि उनका समर्थन भी हमें जरूर मिलेगा. और मैं जिस पार्टी और जिस परिवार से आता हूं वहां सिर्फ सेवा भाव रखा जाता है तो मैं भी बस जनता की सेवा करना चाहता हूं.
खैर का जातिगत समीकरण
खैर विधानसभा का यह उपचुनाव बीजेपी, सपा और बीएसपी के बीच कड़ा मुकाबला बनता जा रहा है, जिसमें हर कोई अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहा है. खैर विधानसभा में नामांकन करने पहुंचे सभी प्रत्याशियों ने स्वास्थ्य, सड़क और शिक्षा को अपना मुद्दा बताया है. अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर 2022 के चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 378196 थी. जिनमें 204583 पुरुष और 173613 महिला वोटर शामिल हैं. इस क्षेत्र में 1 लाख 10 हजार जाट मतदाता, ब्राह्मण 50 हजार, दलित 40 हजार, मुस्लिम 30 हजार, वैश्य 25 हजार और अन्य 25 हजार मतदाता हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 15:31 IST