अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में पानी की निकासी की उचित प्रबंध न होने के कारण जगह-जगह जलभराव होना आम बात है. शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां बिना बारिश भी हमेशा पानी भरा रहता है. कुछ ऐसी ही समस्या से जूझ रहे थे अचलताल निवासी प्रकाश चंद्र. पहले तो प्रकाश चंद्र ने नगर निगम में की गई शिकायतों के निस्तारण का इंतजार किया. मगर जब कोई हल नहीं निकला तो उन्होंने 2021 में स्थायी लोक अदालत में वाद दायर कर दिया. अब लोक अदालत ने नगर निगम पर 15 हजार का जुर्माना लगाया है.
दरअसल गांधी पार्क क्षेत्र के अचल रोड निवासी प्रकाश चंद्र टेंट मालिक है. उनके घर के सामने का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त था. नाली बंद होने के कारण गंदा पानी सड़क पर आ जाता था और उनके घर के भीतर घुस जाता था. वह इस समस्या से निजात पाने के लिए निगम अफसरों से गुहार लगाते रहे. कई पत्र नगर निगम के बड़े अधिकारियों को भी लिखे लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. थक हारकर उन्होंने स्थायी लोक अदालत में वाद दायर किया।
क्या था पूरा मामला?
जानकारी देते हुए प्रकाश चंद्र ने बताया कि नियमित गृह कर, जल कर व ड्रेनेज कर वसूलने के बाद भी निगम द्वारा सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं की जाती. नालों की सफाई नहीं होती है. शिकायत पर भी सुनवाई नहीं होती. प्रकाश चंद्र का आरोप है कि शिकायत करने पर सेनेटरी इंस्पेक्टर ने उन्हें धमकाया था. कहा था कि चालान कर दिया जाएगा. घर के आगे कूड़े का ढेर लगवा दिया जाएगा. मकान पर बुलडोजर चलवा दिया जाएगा. दायर वाद में प्रकाश चंद्र ने कहा कि स्थिति यह है कि अगर घर पर कोई मेहमान आ जाए तो बड़ा बुरा लगता है. गंदगी के कारण उनका टेंट का काम भी प्रभावित हो रहा है.
लगा 15 हजार का जुर्माना
प्रकाश चंद्र ने बताया कि इस वाद पर अध्यक्ष शंकर लाल, वरिष्ठ सदस्य सत्यदेव और सदस्य आरती की पीठ ने सुनवाई की अदालत ने आदेश दिया है कि नगर निगम व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के साथ ही पीड़ित को मानसिक और आर्थिक क्षति के 10 हजार रुपए और वाद व्यय के पांच हजार रुपये दे.
FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 15:45 IST