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अलीगढ़ के राजकुमार सिंह को आयकर विभाग से 2.25 करोड़ रुपये का नोटिस मिला, जबकि उनके पास न पैन कार्ड है न स्मार्टफोन. फर्जी फर्म बनाकर उनके नाम पर करोड़ों का व्यापार किया गया.
अजब गजब पहले जूस विक्रेता व ताला कारीगर-सफाई कर्मी, अब ईंट-भट्ठा चौकीदार
हाइलाइट्स
- अलीगढ़ के चौकीदार को 2.25 करोड़ का आयकर नोटिस मिला.
- राजकुमार के नाम पर फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का व्यापार हुआ.
- गरीबों की पहचान की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के चंडौस क्षेत्र के चांदपुर गांव के रहने वाले राजकुमार सिंह को आयकर विभाग से 2.25 करोड़ रुपये का नोटिस मिला, जिससे उनके परिवार में हड़कंप मच गया. हैरान करने वाली बात ये है कि राजकुमार के पास न तो पैन कार्ड है और न ही स्मार्टफोन. वे गभाना के वीरपुरा स्थित एक ईंट भट्ठे पर चौकीदारी कर 5000 रुपये महीने में परिवार का गुजारा करते हैं.
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
राजकुमार ने बताया कि पांच साल पहले उन्होंने मत्स्य पालन के लिए गभाना ग्रामीण बैंक से लोन लिया था. लेकिन बारिश में सारी मछलियां बह गईं, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ. किसी तरह मेहनत-मजदूरी करके उन्होंने लोन चुका दिया. अब आशंका जताई जा रही है कि उसी लोन के दौरान जमा किए गए दस्तावेजों का दुरुपयोग हुआ और उनके नाम पर दिल्ली में फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का व्यापार किया गया.
आयकर विभाग ने कैसे पकड़ा मामला?
आयकर विभाग के अधिकारी नेमसिंह ने बताया कि विभागीय पोर्टल पर राजकुमार के पैन कार्ड से जुड़ी एक दिल्ली स्थित फर्म के करोड़ों रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड मिला, जिसके आधार पर उन्हें नोटिस भेजा गया.
पहले भी हो चुका है ऐसा फर्जीवाड़ा
अलीगढ़ में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले एक जूस विक्रेता रईस, ताला कारीगर योगेश, ट्रांसपोर्ट मजदूर मोहित को भी इसी तरह के नोटिस मिले थे. इन सभी के पैन और आधार कार्ड का दुरुपयोग कर फर्जी फर्में बनाई गईं. कुछ मामलों में फर्मों का पंजीकरण अलीगढ़ में हुआ तो कुछ दिल्ली में.
गंभीर सवाल खड़े करती यह घटनाएं
गरीब और अनजान लोगों की पहचान से जुड़ी सुरक्षा को लेकर यह घटनाएं बड़े सवाल खड़े कर रही हैं. आखिर कैसे बिना जानकारी के किसी के नाम पर करोड़ों का कारोबार हो सकता है? यह मामला आयकर विभाग और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है.