9.1 C
Munich
Friday, October 18, 2024

राम मंदिर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की टिप्पणी, कहा- यह इंसाफ और सेकुलरिज्म का कत्ल

Must read


Image Source : TWITTER
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्ला रहमानी

भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनकर तैयार हो रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर टिप्पणी की है। बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्ला रहमानी ने आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने इसके लिए कहा कि यह सेकुलरिज्म और इंसाफ का कत्ल है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि रामचंद्र जी का जन्म उस स्थान पर हुआ था, इसका कोई सबूत नहीं है। 

पर्सनल लॉ बोर्ड ने की टिप्पणी

शनिवार को इस बाबत बयान जारी करते हुए मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया। बोर्ड की तरफ से इस बाबत एक लेटर जारी किया गया है। इसमें लिखा है, अयोध्या में जो हो रहा है, वह सरासर क्रूरता है। क्योंकि उसके नीचे कोई मंदिर नहीं था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। रामचंद्र जी का जन्म वहां हुआ था, इसका भी कोई सबूत नहीं है। कोर्ट ने आस्था के आधार पर कानून से हटकर बहुसंख्यक संप्रदाय के एक वर्ग के हक में फैसला दिया। इसका उल्लेख हिंदू भाईयों के पवित्र ग्रंथों में नहीं है।

बोर्ड ने जारी किया लेटर हेड

बोर्ड के लेटर में यह भी लिखा कि निश्चित रूप से देश के लोकतंत्र पर यह एक बड़ा हमला है। इस फैसले ने मुसलमानों के दिलों को ठेस पहुंचाई है। मौलाना ने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों कराना राजनीतिक उद्देश्य है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर एक मस्जिद की जगह पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। यहां सैकड़ों वर्ष से मुसलमान नमाज पढ़ रहे थे। बता दें कि इस लेटर में अन्य पहलुओं पर भी बयान दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन देशभर में दीप जलाने की पीएम मोदी ने अपील की है। इसपर मौलाना ने कहा कि हिंदू क्या करते हैं उससे हमें आपत्ति नहीं लेकिन मुस्लिमों के लिए इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेना गैर-इस्लामी है।

Latest India News





Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article