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Wednesday, September 18, 2024

अब डॉक्टर ने ही शुरू कर दी ड्रैगन फ्रूट की खेती, जानें कितना हो रहा है मुनाफा

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:कन्नौज: अब इत्र नगरी कन्नौज में ड्रैगन फ्रूट की फसल लहलहाएगी. इसकी खेती से किसान की सेहत और आर्थिक तंदरुस्ती दोनों बढ़ेगी. जिले में परंपरागत खेती के अलावा अब किसानों ने खेतों में मरीजों के लिए भी खेतीबाड़ी शुरू कर दी है.

बता दें कि वियतनाम देश की मुख्य फल ड्रैगन फ्रूट से किसान की आर्थिक सेहत भी मजबूत होगी और डेंगू, मलेरिया व वायरल बुखार में कम होने वाली प्लेटलेट्स की भरपाई भी होगी. ये फल सेहतमंद होता है. इसके साथ ही बाजार में अच्छी कीमत पर बिक्री भी हो जाती है.

डॉक्टर ने किसान बन शुरू की पहल
कन्नौज के तिर्वा कस्बे के अन्नपूर्णा नगर के रहने वाले डॉ. वैभव श्रीवास्तव दांतों के डाक्टर हैं. क्षेत्र के मां अन्नपूर्णा मंदिर के पास उनका करीब 22 बीघा खेत हैं. उसमें अभी तक गेहूं, आलू और मक्का की फसल करते थे. इस बार परंपरागत फसल को छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर दी है. मां अन्नपूर्णा मंदिर के पास 5 एकड़ के चक में एक एकड़ खेत पर ड्रैगन फ्रूट की पौध लगा दी है.

इसकी फसल सिर्फ जैविक खाद से होगी. इसमें यूरिया या फिर कोई भी कीटनाशक दवा नहीं डाली जाएगी. पौध में एक साल बाद ही फूल आना शुरू होगा. इसके बाद फल लगने शुरू होंगे. ये पौधा करीब 5 से 6 फुट तक ऊंचा होगा. एक पौध में करीब दो से तीन फल एक बार में लगेंगे. एक फल करीब 200 से 300 ग्राम तक का होता है. साथ ही देखने में यह फल गुलाबी कलर में खुबसूरत लगता है.

जानें कहां का है प्रमुख फल
एशिया में एक देश वियतनाम भी है, वहां का ड्रैगन फ्रूट मुख्य फल है. इसकी सबसे ज्यादा खेती वियतनाम में होती है. इसके बाद पश्चिम बंगाल के कोलकाता में किसानों ने शुरू की थी. अब यूपी के किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करते जा रहे हैं. जिला उद्यान अधिकारी मिर्जापुर के मेवाराम और कन्नौज के सीपी अवस्थी की निगरानी में खेती शुरू की. कोलकाता से टाइप-सी स्तर की पौध और वियतनाम से टाइप-ए की पौध मंगाई गई है, उन्हीं पौधों को रोपा गया.

कैसे करें खेती
ड्रैगन फ्रूट का पौधा देखने में बिल्कुल कैक्टस के जैसा होता है. इसमें कुछ कांटे होते हैं. पौधे की रोपाई सीमेंट के पोल के सहारे की गई. एक पोल के चारों ओर 4 पौधे बड़े किए जाएंगे. 5 फुट का पौधा होने पर एक रिंग में पौधे को बांधा जाएगा. इसमें अंकुरित होने की कली से पौध भी तैयार कर ली जाएगी. वहीं, इसको तैयार होने में लगभग 1 साल का समय लग जाता है.

जानें क्या बोले डॉक्टर
डॉक्टर वैभव श्रीवास्तव बताते हैं कि वह दांतो के डॉक्टर हैं, लेकिन किसानी क्षेत्र में भी उनकी खासी रुचि है. वहीं, पारंपरिक खेती से कुछ हटकर उन्होंने इस ड्रैगन फ्रूट की खेती की है. ड्रैगन फ्रूट की खेती आर्थिक स्थिति तो मजबूत करेगी, साथ ही लोगों के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक फसल भी साबित होगी. यह एक ऐसा फल है, जिसमें भरपूर औषधि गुण पाए जाते हैं.

जानें एक एकड़ में कितना होगा मुनाफा
डॉक्टर ने बताया कि इसकी खेती करने में बहुत सारी सावधानियां बरतनी रहती हैं. वहीं, जिला उद्यान विभाग से इस खेती को करने में काफी मदद मिली. उद्यान विभाग प्रभारी सीपी अवस्थी ने इस खेती को करने के लिए उन्हें प्रेरणा दी. इसके बाद उन्होंने इसकी शुरुआत की. वहीं, इस खेती से एक एकड़ में करीब 4 से 5 लख रुपए का सीधा मुनाफा हो जाता है.

Tags: Agriculture, Fruits sellers, Kannauj news, Local18



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