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Saturday, January 18, 2025

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी का दावा, रिसर्च का नकाब पहन कर हिंडनबर्ग कर रहा था यह काम

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अरावली फोरम के प्रमुख रजत सेठी ने आशंका जताई कि हिंडनबर्ग जैसे दूसरे रिसर्च संस्थान भविष्य में आते रहेंगे. क्योंकि फ्री वर्ल्ड में उनको रिपोर्ट पब्लिश करने से रोक पाना संभव नहीं है. वो हम पर लगातार आरोप लगाएंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे में सेबी की यह बड़ी जिम्मेदारी है कि वो छोटे निवेशकों को जागरूक करे. उन्होंने कहा कि सेबी को निवेशकों को यह बताना होगा कि इस तरह की किसी रिपोर्ट पर जब तक हम कोई राय न दे दें वो मार्कट को लेकर कोई धारणा न बनाएं. इसके साथ ही भारत की संस्थाओं को मजबूती से पेश आना होगा. सेठी का कहना था कि इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि इस तरह की रिपोर्ट पर विपक्ष को जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष को विदेशी संस्थाओं की रिपोर्ट से अधिक अपने देश में सेबी और सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्थाओं पर अधिक भरोसा करना चाहिए. 

सवाल खड़े करता है हिंडनबर्ग का बंद होना

इस शो में शामिल हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील जयअनंत देहाद्राई ने हिंडनबर्ग को एक साजिश बताया. उन्होंने कहा कि यह बहुत सुनियोजित तरीके से रची गई ऐसी साजिश थी, जिसमें ग्लोबल ऐंगल एक तरफ था, वहीं इसे इंडियन ऐंगल भी दिया गया था.अगर आप हिडंनबर्ग को देखें तो यह एलएलसी के तौर पर रजिस्टर्ड थी अमेरिका में.एलएलसी का मतलब लिमिटेड लाइबिलिटी कंपनी. हिंडनबर्ग जिस तरह से अपनी दुकान बढ़ा रहा है, यह कई सवाल खड़े करता है.यह ऐसा नहीं है कि आपने लाइट की तरह बटन स्विच ऑफ कर दिया हो.कंपनियों के साथ ऐसा नहीं होता है. आपको इसके लिए कई सारे सारे स्टेप्स लेने पड़ते हैं. इसमें कई सारी प्लानिंग होती है. इसका मतलब सीधा सा इतना है कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो रहा है. ट्रंप अगले कुछ दिनों में वहां कुर्सी संभालने जा रहे हैं. उनकी पूरी टीम आ रही है. ट्रंप के आने और हिंडनबर्ग के दुकान बंद करने से यह बिल्कुल साफ है कि दाल में कुछ काला है. 

डॉनल्ड ट्रंप करेंगे कठोर कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी भी इस शो में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि भारत में हिंडनबर्ग का मुख्य निशाना अडानी ग्रुप था. उन्होंने कहा कि इस मामले के असली गुनहगार जॉर्ज सोरेस हैं, जो इसके पीछे काम कर रहे थे. अब भविष्य में वो कौन सा कदम उठाएंगे, यह तो बाद में पता चलेगा. जेठमलानी ने कहा कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप जॉर्ज सोरेस के खिलाफ कठोर कदम उठाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि सोरेस ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के साथ भी काम कर रहे थे. हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए कि परिस्थितियां आगे क्या मोड़ लेती हैं.  

अमेरिका के चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं.

अमेरिका के चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं.

अपनी संस्थाओं को मजबूत करने की जरूरत

इस शो में भाग ले रहे राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला से जब यह पूछा गया कि क्या भारत के विपक्षी दलों को अपने देश की संस्थाओं से अधिक हिंडनबर्ग जैसी संस्थाओं पर भरोसा है. इस सवाल के जवाब में पूनावाला ने कहा कि देश में औद्योगिक घराने राजनीतिक दलों के लिए पहले से साफ्ट टारगेट रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्थाओं को मजबूत करना होगा और निवेशकों को शिक्षित करना होगा. जिससे इस तरह की कोई रिपोर्ट आने पर निवेशक ही फैसला कर सकें कि उन्हें मार्केट में निवेश करना है या नहीं और अगर करना है तो किस तरह से करना है. 

हिंडनबर्ग के साजिशकर्ताओं को लाया जाए भारत

पूर्व राजनयिक योगेश गुप्ता ने कहा कि बहुत पहले से ही लग रहा था कि हिंडनबर्ग कोई संदेहास्पद चीज है, वह खुद को रिसर्च करने वाला संस्थान बताते हुए मार्केट में शॉर्ट सेलिंग कर रहा था. उन्होंने कहा कि सेबी को बहुत पहले ही कह देना चाहिए था कि वो इसकी जांच कराएंगे और इसकी रिपोर्ट में कोई तथ्य नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से देश की बदनामी हुई, ऐसे में सरकार को हिंडनबर्ग से जुड़े लोगों पर भारत में कार्रवाई करनी चाहिए. अमेरिकी दूतावासों के जरिए इन लोगों को भारत आकर कानून का सामना करने के लिए मजबूर करना चाहिए. 

हिंडनबर्ग रिसर्टच के संंस्थापक नाथन एंडरसन ने अपनी फर्म का कामकाज बंद करने की घोषणा की है.

हिंडनबर्ग रिसर्टच के संंस्थापक नाथन एंडरसन ने अपनी फर्म का कामकाज बंद करने की घोषणा की है.

हिंडनबर्ग के संस्थापक की घोषणा

अमेरिकी इंवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलिंग ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपना बोरिया-बिस्तर समेटने की घोषणा कर दी है. इसके संस्थापक नाथन एंडरसन ने कहा है कि इस फैसले की जानकारी उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के सदस्यों को पिछले साल के अंत में ही दे दी थी. एंडरसन ने यह फैसला ऐसे समय लिया है, जब तीन दिन बाद ही अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होने वाला है. चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेंगे. 

ये भी पढ़ें: हवाबाज हिंडनबर्ग का हो रहा शटर डाउन, जानिए एक्सपर्ट क्या बोल रहे 




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