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Monday, December 23, 2024

दिल्‍ली पुलिस ने सट्टेबाजी गिरोह का किया भंड़ाफोड़, आस्‍ट्रेलिया टी-20 लीग पर सट्टा लगवा रहे 10 लोग गिरफ्तार

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नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने एक सट्टेबाजी गिरोह का भंडाफोड़ (Betting Gang Busted) किया है. ऑस्‍ट्रेलिया टी-20 लीग के मैचों पर सट्टा लगवाने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.  सभी आरोपियों को करोल बाग के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है. इस सिंकिकेट का मास्‍टरमाइंड राजू वैष्‍णव है. सभी आरोपी अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन पर लाइव क्रिकेट मैच के दौरान सट्टा लगाते पाए गए. फ्लैट से सट्टेबाजी में इस्तेमाल 24 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप और 1 एलईडी टीवी बरामद किया गया है. 

पुलिस ने बताया कि बिग बैश लीग 2024-2025 का सातवां टी-20 क्रिकेट मैच होबार्ट हरिकेंस और पर्थ स्कॉर्चर्स के बीच सुबह 10:30 बजे से खेला गया था. आरोपी इसी पर सट्टा लगवा रहे थे.

आरोपी इस तरह से लगवाते थे सट्टा  

पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी दो तरह से सट्टा चला रहे थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपी जागृत उर्फ ​​सनी और मुख्य आरोपी राजू वैष्णव के सहयोगियों में से एक ने जेएमडी स्पोर्ट्स डॉट कॉम (सट्टेबाजी वेबसाइट) की एक मास्टर आईडी खरीदी है और इस आईडी में उन्होंने एक सुपर मास्टर आईडी बनाई है. लाइव मैचों पर सट्टा लगाने के लिए वे खिलाड़ियों (फ्रंटर्स) को आईडी भी बेच रहे थे. हर लेनदेन के लिए मास्टर आईडी और और रैकेट में शामिल लोग 5 फीसदी और 95 फीसदी लॉस और प्रॉफिट शेयर कर रहे थे. आरोपी ऑफलाइन और प्रैक्टिस के अनुसार भी सट्टेबाजी कर रहे हैं. 

वो खिलाड़ियों (सट्टा लगाने वाले व्यक्तियों) के दांव को नोटपैड पर नोट करते थे. खिलाड़ी कॉल करते थे और उपलब्ध दर (भाव) के अनुसार लाइव मैचों पर अपना पूर्वानुमान दांव लगाते थे. 

45 हजार रुपये में किराये पर लिया था फ्लैट 

ये फ्लैट राजू ने अपने नाम से 45,000 रुपये के मासिक किराये पर लिया था. साथ ही यह सट्टा पिछले एक साल से चल रहा था और आमतौर पर मैच के दिनों में एक दिन का लेनदेन डेढ़ लाख होता था. इसमें से उनका लाभ या हानि करीब 30 से 40 हजार रुपये प्रतिदिन होता था.

राजू उस समूह का मास्टरमाइंड है, जो तीन अलग-अलग राज्यों के अन्य सट्टेबाजों के साथ काम कर रहा था. 

ये हैं 10 आरोपी 

क्रम संख्‍या  कौन हैं आरोपी
1 आरोपी राजू वैष्णव दिल्‍ली के करोल बाग का रहने वाला है. 48 साल का वैष्‍णव सुनार का काम करता है और उसने आठवीं तक पढ़ाई की है. आसानी से पैसा कमाने के लिए ही वह इस अवैध धंधे में आया और अन्य सभी आरोपियों को साथ लेकर आया. वह 20 फीसदी हिस्सा ले रहा था. 
2 अजय कुमार भी करोल बाग का रहने वाला है और उसने दसवीं तक पढ़ाई की है. अजय पहले एक कपड़े की दुकान चलाता था, लेकिन घाटे के कारण उसने राजू से हाथ मिला लिया.
3 योगेश तनेजा उत्तर प्रदेश के आगरा का रहने वाला है. 36 वर्षीय इस आरोपी ने भी दसवीं तक पढ़ाई की है और पहले एक मेडिकल की दुकान में काम करता था. लालच में वह इस धंधे में आ गया. 
4 तरूण खन्ना उत्तर प्रदेश के आगरा का रहने वाला है. दसवीं तक पढ़ा 34 साल का तरुण पहले योगेश के साथ मेडिकल की दुकान में काम करता था. वह पहले आगरा में आईपीसी की धारा 308 के तहत जुआ अधिनियम और गैंगस्टर अधिनियम के तीन आपराधिक मामलों में शामिल रहा है. 
5

जयपुर निवासी आरोपी मनीष जैन की उम्र 34 साल है और वह भी दसवीं तक पढ़ा है. मनीष जैन जयपुर में गैस स्टोव का काम करता है. वह राजू के छोटे भाई का दोस्त है और विलासितापूर्ण जीवन शैली को पूरा करने के लिए वह राजू से मिला और सट्टेबाजी के धंधे में पड़ गया. 

6 इसके साथ ही राजस्‍थान के पाली निवासी कुशल पाली में ही एक मोबाइल की दुकान चलाता है. वह राजू का चचेरा भाई है और पैसे कमाने के लिए साथ आ गया.
7 आरोपी प्रवेश कुमार दिल्‍ली के करोल बाग का रहने वाला है और एक दर्जी था और कम आय के कारण सट्टेबाजी के धंधे में आ गया.
8 आरोपी हरविंदर देयोल उर्फ ​​हैप्पी आगरा का रहने वाला है और आगरा में एक मोबाइल की दुकान चलाता है. वह तरूण खन्ना का दोस्त है और उसने तरूण के साथ सट्टेबाज के रूप में काम शुरू किया और बाद में राजू से जुड़ गया.
9 पाली का रहने वाला गौतम दास पाली में एक मोबाइल की दुकान चलाता है.
10 आरोपी जागृत उर्फ ​​सनी सैहनी करोल बाग का निवासी है और उसने बीकॉम तक की पढ़ाई की है और वह सॉफ्टवेयर का जानकार था, फंटर्स (प्लेयर) के लिए आईडी और पासवर्ड बना रहा था.




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