मुंबई समाचार : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। आज सुबह भारतीय रिजर्व बैंक ने एक ट्वीट के जरिये इसकी जानकारी दी थी। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमसीपी के अनुसार दूसरी छमाही में महंगाई में कमी का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि 3 से 5 जून को एमसीपी की बैठक होगी। उन्होंने बताया कि ग्राहकों को दरों में कटौती का फायदा मिलने में तेजी आई है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मांग में कमी के कारण निवेश में भी भारी कमी आई है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 60 फीसद गिरा है । आरबीआई गवर्नर ने बताया कि साल 2021की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रह सकती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 दूसरी तिमाही में सुधार आ सकता है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अप्रैल में खाद्य महंगाई दर में तेज उछाल आया है। यह 8.6 फीसद रही है। मौद्रिक नीति समिति का मानना है कि महंगाई का परिदृश्य मौजूदा समय में अनिश्चित है। दास ने कहा कि मार्च में औद्योगिक उत्पादन 17 फीसद घटा है। अप्रैल में सर्विसेज पीएमआई अबतक के निचले स्तर पर रहा है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कोविड-19 से निजी खपत को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में एग्रीकल्चर से उम्मीदें हैं। फॉरेन रिजर्व 487 बिलियन डॉलर है। शक्तिकांत दास ने कहा कि निवेश की मांग लगभग थम गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सबसे बड़ा असर निजी खपत पर पड़ेगा। दास ने कहा, ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई है। वैश्विक कारोबार के मूल्य में इस वर्ष 13-32 फीसद की कमी आ सकती है। आरबीआई गवर्नर ने बताया उपभोक्ता उत्पादों की मांग में मार्च महीने 33 फीसद की गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि मैन्युफक्चरिंग पीएमआई अप्रैल महीने में 27.4 फीसद रही है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि सर्विसेज पीएमआई अप्रैल महीने में 5.4 फीसद रही है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमसीपी के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट घटाने के लिए सहमत हुए हैं। रिवर्स रेपो रेट को भारतीय रिजर्व बैंक ने 3.75 फीसद से घटा कर 3.35 फीसद किया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट आई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में की 0.40 फीसद की कटौती। लोन की ईएमआई का बोझ होगा कम। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोनो वायरस के कारण ग्लोबल इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि एमपीसी पॉलिसी रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती पर सहमत हुई है।
मार्च में आरबीआई ने कर्ज लेने वाले लोगों, कर्जदाताओं और अन्य इकाइयों जैसे म्युचुअल फंडों के लिए कई सकारात्मक कदमों की घोषणाएं की थीं। इसके साथ ही वादा भी किया था कि आने वाली परिस्थितियों के लिए केंद्रीय बैंक और जरूरी कदम उठाएगा। इस साल फरवरी की मौद्रिक नीति की बैठक के बाद से आरबीआई ने जीडीपी के 3.2 फीसद के बराबर फंड अर्थव्यवस्था में डाला है ताकि लिक्विडिटी से जुड़ी परिस्थितियों को आसान बनाया जा सके।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज लोन मोरैटोरियम की अवधि में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछली बार उन्होंने कर्ज लेने वाले लोगों को 3 महीने के लोन मोरैटोरियम की सुविधा दी थी। इससे लाखों कर्जदाताओं को राहत मिली थी। शुक्रवार को सुबह किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘आज (22 मई, 2020) को सुबह 10 बजे आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास लाइव संबोधित करेंगे।’ आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का विस्तृत ब्यौरा दिया था। इस आर्थिक पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। RBI के गवर्नर की यह प्रेस कांफ्रेंस ऐसे समय में हो रही है जब मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3 से 5 जून के बीच होने वाली है। मौद्रिक नीति समिति 2020-21 की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा संभवत: 5 जून को करने वाली है। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2020-21 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा एक हफ्ते पहले ही 27 मार्च को कर दी थी।