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Thursday, December 26, 2024

पावर डील का अदाणी से कोई लेना-देना नहीं : आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन रेड्डी ने US के आरोपों को किया खारिज

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नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश की पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) सरकार पर चंद्रबाबू नायडू की सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. TDP ने आरोप लगाया कि रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के जरिए अदाणी ग्रुप (Adani Group_ से बिजली खरीदने के लिए सीक्रेट डील की थी. अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान सोलर एनर्जी डील के लिए रिश्वत लेने के आरोपों को अफवाह कहकर खारिज कर दिया है. रेड्डी ने यह भी साफ किया कि अदाणी ग्रुप का पावर डील से कोई लेनादेना नहीं है.

NDTV के साथ शुक्रवार को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि हमने सीधे सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से करार किया था. ये डील ट्रांसपरेंट थी और कानूनी रूप से मंजूर भी थी. इसमें अदाणी या कोई निजी कंपनी शामिल नहीं थी.

YSR कांग्रेस पार्टी के प्रमुख रेड्डी ने कहा, “2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से मैंने कई टॉप बिजनेसमैन से मुलाकात की है. उनमें गौतम अदाणी भी शामिल थे. घूस के मामले में मेरे नाम का कहीं भी जिक्र नहीं है. जो भी खबरें रिपोर्ट हुई हैं, वो सब अफवाहें हैं.  मैंने अपनी तरफ से जितनी जानकारी जुटाई है, उसमें कभी भी मेरा नाम नहीं लिखा है. इसमें सिर्फ एक फैक्ट सही है कि गौतम अदाणी के साथ मैंने मुलाकात की थी. उसके बाद ही पावर सेल एग्रीमेंट हुआ.”

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अगस्त 2021 की मुलाकात को ही हाइलाइट करना सही नहीं
जगन मोहन रेड्डी कहते है, “भला गौतम अदाणी से मुलाकात करने में क्या गलत है? इसे इतना हाइलाइट क्यों किया जा रहा है? पूरी बात को अगस्त 2021 में हमारी मीटिंग तक ही क्यों सीमित रखा जा रहा है? 2019 में जब से मैं CM बना हूं, मैंने कई कारोबारियों से मुलाकात की थी. एक राज्य के प्रमुख के रूप में मुख्यमंत्री की ये ड्यूटी होती है कि वह निवेश के लिए कारोबारियों और  व्यवसायियों से मिलें. साथ ही उनके मुद्दों का समाधान भी करें.”

निवेश के लिए मीटिंग में क्या बुराई?
उन्होंने कहा, “अगर कोई आंध्र प्रदेश में आकर निवेश करना चाहता है, तो वह CM से मिलेगा ना… इसमें बुराई क्या है? कोई भी कारोबारी निवेश करने से पहले CM से मिलकर इस बात की तसल्ली जरूर करना चाहेगा कि जहां वह निवेश करने जा रहे हैं, वहां कितनी सेफ्टी है? कितना रिटर्न मिलेगा? यही वजह है कि हर राज्य कॉम्पिटिशन कर रहा है और इंडस्ट्रियल समिट ऑर्गनाइज कर रहा है.”

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अदाणी से कम से कम 5-6 बार हुई मुलाकात
जगन मोहन रेड्डी आगे बताते हैं, “मैं 2019 से अपने कार्यकाल के आखिर तक गौतम अदाणी से कम से कम 5-6 बार मिल चुका हूं. मेरा मतलब है कि आप सिर्फ अगस्त 2021 की बात ही क्यों कर रहे हैं? अगस्त के बाद भी मेरी निवेश के मकसद से अदाणी ग्रुप के चेयरमैन से मीटिंग हो चुकी है. अगस्त से पहले भी मैं कई बार उनसे मिल चुका हूं. सिर्फ अदाणी ही नहीं, मैंने उनके अलावा और भी कई नामी उद्योगपतियों से मुलाकात की है. यह मुख्यमंत्री के कर्तव्यों में से एक है.”

 रेड्डी ने कहा, “पावर डील का अदाणी या किसी भी ग्रुप से कोई लेनादेना नहीं है. हमें इन चीजों से परे जाकर ये समझने की कोशिश करनी चाहिए कि ये डील क्यों की गई थी? केंद्र सरकार की कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) भारत में सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के मकसद से कारोबार करती है. हमने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए पावर डील की थी. SECI ने अपने लेटर में साफ तौर पर कहा कि वो सोलर एनर्जी को लेकर राज्य सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हैं.”

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जगन मोहन रेड्डी बताते हैं, “अगर SECI का लेटर मेरे पास नहीं आया होता. अगर SECI ने राज्य द्वारा अब तक खरीदी गई सबसे सस्ती बिजली (2.45 रुपये) की पेशकश नहीं की होती. अगर SECI ने इंटरस्टेट ट्रांसमिशन चार्जेस में छूट का जिक्र नहीं किया होता, तो इसमें कोई भी बात नहीं होती…”

उन्होंने साफ किया कि SECI बिजली बिक्री समझौते पर साइन करने वाले कोई और नहीं, बल्कि राज्य सरकार, DISCOM और SECI हैं. इसलिए यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सहमति है. बात यहीं पर खत्म होती है…”

इससे पहले बुधवार को जगन मोहन रेड्डी ने मीडिया कर्मियों से कहा, “सबसे पहली बात तो यह है कि कोई भी मुझे रिश्वत नहीं दे सकता. कारोबारियों का नेताओं से मिलना कोई असामान्य बात नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य चलन है.” आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रिश्वत के आरोप अफवाह हैं और किसी ने भी यह नहीं कहा है कि जगन या किसी अन्य ने रिश्वत ली है.

करेंगे मानहानि का मुकदमा  
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वह कुछ स्थानीय दैनिक अखबारों के खिलाफ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और खबरें प्रकाशित करने के आरोप में 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे.

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)






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