DAP Fertilizer Side Effects: हर किसान चाहता है कि खेती से अधिक पैदावार मिले ताकि मुनाफे में बढ़ोतरी हो सके. अधिकतर किसान डीएपी को अपनी खेती का आधार बना चुके हैं. शायद उनको जानकारी नहीं होती कि अधिक डीएपी का उपयोग उनके के लाभकारी नहीं बल्कि हानिकारक साबित हो सकता है. अधिक डीएपी न केवल पैदावार और गुणवत्ता को बिगाड़ सकता है, बल्कि मिट्टी के उर्वरा शक्ति को भी काफी प्रभावित कर सकता है. आइए जानते है सही और गलत को लेकर एक्सपर्ट क्या बता रहे हैं.
कृषि विशेषज्ञ एवं सहकारी सिंचाई समिति के सचिव शिवनाथ तिवारी ने कहा कि ठंड में तमाम फसले लहलहा रही है. किसानों के चेहरे पर मुस्कान का कारण है. इस दौरान कुछ ऐसी बातें है जिसकी जानकारी बहुत किसानों को नहीं होती है और कुछ छोटी बड़ी गलती अंत में मायूसी का कारण बन जाती है.
अधिक डीएपी से पैदावार पर बुरा असर
ठंड की खेती में अधिक डीएपी का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम के साथ गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ सकता है. क्योंकि इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा अधिक रहती है. अधिक डीएपी मिट्टी के संतुलन बिगाड़ सकता है. अधिक पैदावार के लिए सबसे बेहतर है मिट्टी का जांच कराकर आवश्यकता अनुसार पोषक तत्वों का उपयोग करें. इससे अनेकों फायदे मिलेंगे.
गाय के गोबर की खाद सबसे बेहतर
सबसे कम लागत में ज्यादा पैदावार पाने के लिए जीवामृत का उपयोग खेती के रामबाण उपाय है. यह खेती के लिए हर तरह से फायदेमंद है. इसे बनाने के लिए गाय का मूत्र, गाय का गोबर, बेसन, गुड़ और खेत के मेड़ की मिट्टी की जरूरत पड़ती है. 10 किलो गाय का मूत्र और गोबर में एक किलो बेसन, मिट्टी और गुड़ मिला छायादार जगह पर छोड़ दें. दिन में एक बार लंबे डंडे से मिला है. लगभग सात दिन में यह खाद बन जाता है.
अगली खेती के लिए भी मिट्टी को करता है तैयार
गाय के गोबर वाली खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की मात्रा लिमिटेड रहती है. यह खेती के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का भंडार है. पौधों के लिए उपयुक्त गोबर की खाद अगले साल के लिए भी खेत को उपजाऊ बना देता है.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 13:52 IST