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Thursday, December 26, 2024

राहुल की 'रननीति' ने दिया उनके करियर को संजीवनी

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नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट में किसी खास खिलाड़ी को निशाने पर लेना या ट्रोल करना कोई नई बात नहीं है . टीम में एक खिलाड़ी ऐसा भी है जिसको सालों से लगातार ट्रोल किया जा रहा है.पिछले एक साल में अलग अलग नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले इस बल्लेबाज ने जब रन बनाया तो सब भूल गए और जब ये बल्लेबाज फेल हुआ तो लोगों ने आड़े हाथों लिया . इस खिलाड़ी का नाम है केएल राहुल । एक साल से लगातार खराब फॉर्म और फिटनेस की वजह से राहुल ट्रोल होते रहे.पर कहते है ना समय हर किसी का एक जैसा नहीं रहता, राहुल ने पर्थ में ये दिखाया कि वह क्या करने में सक्षम हैं. पर्थ टेस्ट की दोनों पारियों में के एल राहुल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.

इसमें कोई शक नहीं कि केएल राहुल सबसे ज्यादा ट्रोल होने वाले क्रिकेटर हैं. पिछले कुछ महीनों में उन्हें बार बार टीम में जगह दिए जाने के बारे में काफी कुछ कहा जा चुका है.आलोचना के पीछे चोट की समस्या भी एक बड़ा कारण रही 2023 में जब वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए उपलब्ध नहीं थे तो कुछ लोगों ने यह कहते हुए खुशी भी जताई कि अच्छा छुटकारा मिल गया। पर पर्थ टेस्ट ने कहानी पूरी तरह से बल दी है . पहली पारी में राहुल ने 74 गेंदों में 26 रन बनाए और गलत फैसले का शिकार हुए वहीं दूसरी पारी में 176 गेंद खेल कर 77 रन बनाए और यशस्वी के साथ 201 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की.

राहुल को पर्थ में मिली संजीवनी 

विवादास्पद तरीके से आउट दिए जाने से पहले राहुल पर्थ में पहली पारी में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। कठिन बल्लेबाजी परिस्थितियों में उछाल और स्विंग होती गेंदों के खिलाफ वह संयमित दिखे। शानदार डिफेंस उनकी बल्लेबाजी की सबसे बड़ी ताकत नजर आई .कई गेंदों पर वो बीट भी हुए पर उनका विश्वास टस से मस नहीं हुआ क्योंकि उनको पता था कि ऐसी चीजें होंगी. वह किसी भी समय अपने विकेट देने के लिए तैयार नहीं थे और यही उनके प्रयास को परिभाषित करता है.दूसरी पारी में राहुल ने और भी बेहतर बल्लेबाजी की . भारत के पास 46 रनों की बढ़त थी और उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत एक ठोस शुरुआत की थी। राहुल अधिक अनुभवी साझेदार थे इसलिए राहुल पर जिम्मेदारी और बढ़ गई थी.शरीर पर कुछ चोटों के बावजूद राहुल दूसरी पारी में शांत दिखे। यशस्वी जयसवाल के साथ बड़ी समझदारी से अपना काम किया जिसको देखकर कोच गौतम गंभीर को गर्व हुआ होगा. वह किसी भी समय घबराये नहीं। कमजोर गेंदों पर प्रहार और फिर स्ट्राइक रोटेट करते हुए सिंगल्स चुराना उनकी बल्लेबाजी की खासियत थी.रोहित शर्मा के वहां नहीं होने पर फिर से ओपनिंग करने के लिए आगे आना, कुछ अच्छे लो स्लिप कैच लेना और शीर्ष क्रम को एक साथ रखना – केएल राहुल के लिए पर्थ टेस्ट यादगार रहा.

लंबे समय से राहुल की लड़ाई खुद से रही है। शानदार प्रतिभा के बावजूद,राहुल अक्सर उम्मीदों के बोझ से निपटने में सक्षम नहीं लगते थे। राहुल को इसी चीज से पार पाना था जो उन्होंने पर्थ में कर दिखाया। अपने प्रशंसकों के लिए राहुल नई कहानी लिख रहे हैं और इस बात के संकेत दे रहे है कि इस ऑस्ट्रेलिया दौरे के खत्म होने के बाद वो एक नई पहचान लेकर वापस हिंदुस्तान पहुंचेगे.

Tags: Border Gavaskar Trophy, India vs Australia, Jasprit Bumrah, KL Rahul, Rishabh Pant, Rohit sharma, Virat Kohli



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