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Thursday, December 26, 2024

ट्रांसजेंडर पुरुषों में हार्मोन थेरेपी से पेट की चर्बी, लिवर फैट और कोलेस्ट्रॉल का खतरा, बॉडी स्ट्रक्चर में हो सकता है बड़ा बदलाव : स्टडी

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Hormonal Treatment Risks: एक शोध में यह बात सामने आई है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों में लंबे समय तक सेक्स हार्मोन थेरेपी से बॉडी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव हो सकता है और खासकर से ट्रांसजेंडर पुरुषों को हार्ट डिजीज का जोखिम हो सकता है. हार्मोन थेरेपी एक लिंग-पुष्टि करने वाला मेडिकल ट्रीटमेंट है, जो ट्रांसजेंडर लोगों के शरीर को उनके वास्तविक लिंग के अनुसार बदलने में मदद करता है. जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित शोध से पता चला है कि हार्मोन थेरेपी के लंबे समय तक उपयोग से समय के साथ फैट की मात्रा में बदलाव होता है. थेरेपी के सिर्फ एक साल के भीतर ही मसल्स और ताकत में सबसे बड़ा बदलाव होता है. स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोध में 17 वयस्क ट्रांसजेंडर पुरुषों और 16 ट्रांसजेंडर महिलाओं को शामिल किया गया, जिन्हें टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन से इलाज दिया गया था.

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6 सालों में 21 प्रतिशत तक बढ़ गई मांसपेशियों की मात्रा:

मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का उपयोग करके उन्होंने शरीर की संरचना को ध्‍यान में रखते हुए ब्‍लड टेस्‍ट, ब्‍लड प्रेशर और वैस्कुलर स्टिफनेस को मापा गया. अंतर का आकलन करने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू होने से पहले, एक साल बाद और फिर पांच से छह साल बाद स्कैन किए गए. करोलिंस्का में डिपार्टमेंट ऑफ लेबोरेटरी के टॉमी लुंडबर्ग ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन से इलाज करने वाले ट्रांसजेंडर पुरुषों की मांसपेशियों की मात्रा 6 सालों में औसतन 21 प्रतिशत बढ़ गई.

हार्ट और लिवर डिजीज का खतरा:

उनकी पेट की चर्बी में 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ उनके लिवर में चर्बी भी ज्यादा थी और ‘खराब’ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल भी ज्यादा था, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ गया. लुंडबर्ग ने “हार्ट डिजीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों में हार्मोन थेरेपी के लॉन्ग टर्म इफेक्ट की निगरानी जारी रखने की जरूरत पर बल दिया.”

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महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले दिखा अलग असर:

शोधकर्ताओं ने कहा, “अध्ययन में एस्ट्रोजन थेरेपी लेने वाली ट्रांसजेंडर महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों में समान वृद्धि नहीं पाई गई. उपचार के पांच साल बाद उनकी मांसपेशियों की मात्रा में औसतन 7 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मांसपेशियों की ताकत अपरिवर्तित रही. ट्रांसजेंडर महिलाओं की कुल फैट मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन पेट की चर्बी कम हुई.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)




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