नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन ने मंगलवार को कहा कि उन्हें और न्यायमूर्ति सूर्य कांत को हाल ही में एक उड़ान में बेहद खराब अनुभव का सामना करना पड़ा, जिसमें नशे में धुत दो यात्री सवार थे. न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने विमान में अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के उपाय जारी करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अपना अनुभव साझा किया. पीठ में न्यायमूर्ति विश्वनाथन के साथ न्यायमूर्ति बीआर गवई भी शामिल थे.
न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने कहा कि हमें हाल ही में हवाई यात्रा के दौरान एक कड़वा अनुभव हुआ. दो पुरुष यात्री पूरी तरह से नशे में धुत थे. इनमें से एक शौचालय गया और वहां सो गया. दूसरा, जो बाहर था, उसके पास उल्टी करने के लिए एक थैली थी.
उन्होंने कहा कि चालक दल में सभी महिलाएं थीं. 30 से 35 मिनट तक कोई दरवाजा नहीं खोल सका. इसके बाद विमान परिचारिका ने मेरे सहयात्री से दरवाजा खोलने और उसे बाहर सीट पर ले जाने का अनुरोध किया. यह 2.40 घंटे की उड़ान थी.
न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि अधिकारियों को अभद्र व्यवहार करने वाले हवाई यात्रियों से निपटने के लिए एक ‘रचनात्मक’ समाधान ढूंढना चाहिए. उन्होंने कहा कि यात्रियों को बैठाने के लिए एक रणनीतिक योजना बनाने की आवश्यकता है. शीर्ष अदालत 73 वर्षीय एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर नवंबर 2022 में एअर इंडिया की उड़ान में नशे में धुत एक यात्री ने कथित तौर पर पेशाब की थी.
शंकर मिश्रा पर न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की उड़ान में महिला सहयात्री पर पेशाब करने का आरोप लगा था. यह घटना 26 नवंबर 2023 को विमान के बिजनेस क्लास में हुई थी.