How To Reuse Stubble: खेतों में पराली ना जलाने को लेकर प्रशासन लगातार किसानों को जागरूक कर रहा है. ऐसे में कई किसान जागरूक होने के बावजूद भी खेतों में पराली जला देते हैं. इससे प्रदूषण होता है. इसके साथ ही खेतों में उर्वरक क्षमता भी कम होती है. किसान की पैदावार भी घट जाती है. ऐसे में अमेठी जिला प्रशासन ने एक नया तरीका अपनाया है. प्रशासन की तरफ से पराली के बदले किसानों को निशुल्क खाद मुहैया कराई जाएगी. इससे किसानों को लाभ होगा.
किसान पराली के बदले लें मुफ्त खाद
जनपद के चार तहसीलों के सभी ग्राम पंचायत में जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों को जागरूक करने के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिए हैं. किसानों को पराली के बदले खाद उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पराली को जो भी किसान अपने खेतों में ही डीकम्पोज करना चाहते हैं, वह बायो डी कंपोजर का प्रयोग कर इस काम को कर सकते हैं.
किसानों के हित में सराहनीय कदम
प्रगतिशील किसान रणंजय सिंह ने बताया कि इस काम से किसानों को बहुत फायदे होंगे. उन्होंने कहा कि जिस जगह पर किसान पराली जला रहे हैं, वहां पर कैंसर का खतरा प्रदूषण के कारण ज्यादा हो रहा है. कई ऐसे प्रदेश हैं जहां पर इसी पराली के जरिए कई नुकसान किसानों को हो रहे हैं. लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से की गई यह पहल सराहनीय है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने जिस तरीके से किसानों के हित में यह कदम उठाया है.
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गौशाला के जरिए मिलेगी खाद
कृषि रक्षा अधिकारी हरिओम मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को पराली ना जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही उनसे यह भी अपील की जा रही है कि वह पराली के बदले अपने नजदीकी गौशाला से खाद ले लें और उसके बदले में जानवरों को भी चारा मिल जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 10:40 IST