बहराइच: बहराइच में इन दिनों राजस्थान के कारीगर पीओपी से मनमोहक मूर्तियां बनाकर बिक्री कर रहे हैं. इन मूर्तियों को बनाने और सजाने का सारा काम महिलाएं करती हैं. मूर्तियों के साथ घर सजाने के कई प्रकार के आइटम भी पीओपी से तैयार किए जा रहे हैं, जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगते हैं. विशेष प्रकार के सांचे में पीओपी का घोल डालकर उसे सुखाया जाता है, जिससे यह सांचे के अनुसार रूप ले लेता है. फिर इन मूर्तियों को अलग-अलग रंगों से सजाकर बेचने पर अच्छी कमाई होती है.
प्लास्टर ऑफ पेरिस का शॉर्ट फॉर्म है POP
आपको बता दें कि पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) एक बहुमुखी जिप्सम-आधारित प्लास्टर है, जो कई उद्योगों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. इसकी आसान वर्कबिलिटी, तेज सेटिंग टाइम, चिपकने वाले गुण और आग प्रतिरोधी विशेषताओं के लिए इसे सराहा जाता है. पीओपी का इस्तेमाल निर्माण कार्य में भी सुंदरता बढ़ाने के लिए अलग-अलग डिजाइन बनाने में किया जाता है. इसके अलावा, इसका उपयोग सजावट के सामान बनाने के साथ-साथ मेडिकल में भी होता है, जैसे फ्रैक्चर वाली हड्डियों को जोड़ना और दंत छाप लेना वगैरह.
पीओपी से क्या-क्या होता है तैयार
अधिकतर पीओपी का उपयोग घरों की छत के अंदरूनी हिस्से में सुंदर डिजाइन बनाने के लिए किया जाता है, जिससे आकर्षक लुक मिलता है. यही कारण है कि बड़े घरों में पीओपी का व्यापक रूप से काम करवाया जाता है. वैसे तो पीओपी का उपयोग कई तरह के कार्यों में होता है. आजकल बाजार में पीओपी से बने कई सजावटी आइटम मिलते हैं, जैसे मूर्तियां, गुड्डे-गुड़िया, हाथी-घोड़े आदि, जो देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं. हालांकि, ये आइटम टिकाऊ नहीं होते और गिरने पर टूट सकते हैं लेकिन अगर इन्हें संभालकर रखा जाए, तो ये सालों तक सुरक्षित रह सकते हैं.
पूरे प्रदेश में फैल रहा है पीओपी का कारोबार
राजस्थान के लोग उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में पीओपी से बनने वाले बहुत से आइटम बनाकर बिक्री कर रहे हैं, जिससे इनको अच्छा मुनाफा हो रहा है. इस काम को वह यूपी के अलग-अलग जिलों में दो-तीन महीने रुक कर करते हैं और फिर राजस्थान वापस चले जाते हैं. इससे इन्हें अच्छी आमदनी भी होती है.
Tags: Bahraich news, Local18, News18 uttar pradesh
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 08:52 IST