बहराइच: बहराइच के रहने वाले कारीगर बांस की लकड़ी से छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाला सूप के साथ अन्य सामग्री बनाकर तैयार कर देते हैं. जिसको बड़ी सफाई और मेहतन से बनाया जाता है और फिर कलर कर रंगबिरंगा रूप दिया जाता है. छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाले सूप और दउरा को तो आपने देखा होगा. लेकिन क्या कभी इनको बनते देखा है. बांस की लकड़ी से कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जाता है. जिसको बनने में सुबह से शाम तक मात्र एक से दो पीस ही एक कारीगर बना सकता है.
क्या आपको पता है कि आखिर छठ पूजा में क्यों बांस की लकड़ी का ही प्रयोग किया जाता है. दरअसल मूल रूप से देखा जाए तो इस पूजा को संतान के लिए ही किया जाता है. इसलिए छठ में बांस के सूप का प्रयोग करते हैं. जो कि इस बात का प्रतीक होता है कि जैसे जैसे बांस तेजी से बढ़े वैसे वैसे संतान की भी प्रगति हो. यही वजह है कि छठ में बांस के सूप का इस्तेमाल किया जाता है और इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.
सूप बनाने की प्रक्रिया!
कारीगर छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली, सूप,दउरा(झबिया) को कुछ इस तरह बनाकर घंटे की मेहनत के बाद तैयार करते हैं. इसके लिए सबसे पहले बांस की लड़कियों को लिया जाता है, जिनको कई टुकड़ों में बांट दिया जाता है और फिर छोटे टुकड़े को लेकर बारीक बारीक बीच से फाड़ दिया जाता है. बाद में चाकू की सहायता से सिलाई की जाती है. जब बिल्कुल साफ सुथरा लचीली फंटी नुमा हो जाता है तो रंग बिरंगा करके इसकी सूप के आकार में बिनाई की जाती है. तब जाकर एक सूप तैयार होता है और इसी तरह दउरा को भी बनाया जाता है.
बहराइच के रहने वाले कारीगर इंद्राराज के यहां छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाला सूप झबिया आदि सामग्री का काम एक जमाने से होता आ रहा है. पहले दादा परदादा किया करते थे और अब इंद्रराज अपने भाई और परिवार के साथ मिलकर करते हैं .इन्होंने बताया कि इससे बहुत ज्यादा कोई फायदा तो नहीं है, लेकिन घर का खर्चा बड़े आराम से चल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 14:51 IST