गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर जिले में खैनी और शराब की लत एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे विशेष रूप से युवा पीढ़ी सबसे अधिक प्रभावित हो रही है. महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज के उप प्रधानाचार्य और डिप्लोमा इन एनाटॉमी धारक डॉक्टर नीरज पांडेय इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए आगे आए हैं. उनका मानना है कि शराब और खैनी के सेवन से न केवल शरीर को गंभीर नुकसान होता है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से भी टूट जाता है.
शराब और खैनी की लत
डॉ. नीरज पांडेय बताते हैं कि “शराब और खैनी की लत व्यक्ति को उसके परिवार से दूर कर देती है. जब कोई व्यक्ति सच बोलता है, तो उसे भी झूठ समझा जाने लगता है. यह नशा इंसान के रिश्तों और सामाजिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है.
यहां चलाया जाएगा नशा मुक्ति अभियान
डॉ. नीरज पांडेय जो नेहरू युवा केंद्र के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं, युवाओं को इस नशे से बाहर निकालने की योजना पर कार्य कर रहे हैं. उनका कहना है कि गाजीपुर के युवा इस समस्या के मुख्य शिकार हैं और हमें उन्हें बचाना होगा. उन्होंने नशा छोड़ने की मुहिम शुरू की है, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय सामुदायिक केंद्रों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
युवा अकेलापन का हो रहा शिकार
डॉक्टर का कहना है कि नशे की लत न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर बनाती है. इसके कारण व्यक्ति अकेलेपन का शिकार हो जाता है. उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि कुकिंग जैसे नए और खतरनाक तरीकों से नशा करने की आदतें बढ़ती जा रही हैं, जो युवाओं के लिए अत्यधिक हानिकारक है.
डॉक्टर नीरज पांडे अपने मेडिकल ज्ञान और नेहरू युवा केंद्र की सहायता से गाजीपुर को नशा मुक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं. उनका उद्देश्य युवाओं को इस लत से निकालकर उनके जीवन को फिर से संवारना है.
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FIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 13:51 IST