सुमित राजपूत/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर जिले में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर, किसानों को पराली जलाने से रोकने और वैकल्पिक उपाय अपनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. किसानों को पराली जलाने के बजाय उसे डीकम्पोज कर खेत में कम्पोस्ट बनाने की सलाह दी जा रही है, जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता में सुधार हो सके और पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सके. साथ ही, सेटेलाइट के माध्यम से खेतों की निगरानी की जा रही है ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके. अब तक 14 मामले सामने आए हैं, जिन पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है.
सैटेलाइट से खेतों की निगरानी
प्रशासन ने सेटेलाइट की मदद से जिले के सभी खेतों पर नजर रखनी शुरू कर दी है. 2 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2024 के बीच 14 घटनाएं सामने आईं, जिनमें से 2 पराली जलाने से जुड़ी थीं, जबकि बाकी 12 घटनाएं कूड़ा या अन्य अवशेष जलाने की थीं. सभी मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है.
पराली जलाने के गंभीर परिणाम
उप कृषि निदेशक राजीव कुमार ने किसानों को आगाह किया कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण, बल्कि मानव और पशु स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है. यह वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है, जिससे आँखों में जलन, त्वचा रोग और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. किसानों को पराली का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में या खेत में कम्पोस्ट के रूप में करने की सलाह दी गई है, जिससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाई जा सके.
पराली जलाने पर लगेगा जुर्माना
प्रशासन ने पराली जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है. डीएम मनीष वर्मा ने बताया कि 7 अक्टूबर 2024 को ग्राम औरंगपुर विकास खंड जेवर में किसान नरेंद्र और 16 अक्टूबर 2024 को ग्राम जेवर बांगर में किसान खान मोहम्मद पर पराली जलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई और 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया. प्रशासन ने इस दिशा में आगे भी कड़ी कार्रवाई जारी रखने का ऐलान किया है.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम
हर साल सर्दियों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और किसानों को पराली के बेहतर उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
किसानों से अपील
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें और प्रशासन द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक उपायों को अपनाएं. इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि उनकी खेती की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ेगी और भविष्य में बेहतर फसल उत्पादन संभव हो सकेगा.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 13:57 IST