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Wednesday, November 6, 2024

मौसमी बीमारियों का बढ़ रहा खतरा, जयपुर के अस्पतालों में डेंगू के सबसे ज्यादा केस, बचाव के लिए करें ये उपाय

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अंकित राजपूत/जयपुर. मानसून के बाद मौसम में बदलाव के चलते डेंगू, स्क्रब टाइफस, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. इनमें से सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में एक आरएएस अफसर, डॉ. तरु सुराणा, की डेंगू से मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन डेंगू को लेकर सतर्क हो गया है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल और जे.के. लोन अस्पताल में डेंगू के कई मरीज भर्ती हो रहे हैं.

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिर रही है, जिससे मरीजों की हालत और भी नाजुक हो जाती है. कुछ मरीजों में प्लेटलेट्स 20 हजार से घटकर 10 हजार तक पहुंच गई, जबकि कुछ मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के बावजूद उनके फंक्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता. इससे इलाज के दौरान भी खतरा बना रहता है.

बच्चों में बढ़ रहे डेंगू के मामले
जयपुर के जे.के. लोन अस्पताल में बच्चों में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार, अच्छी बारिश के कारण डेंगू और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियां बच्चों को प्रभावित कर रही हैं. बच्चे न केवल डेंगू बल्कि माइट या पिस्सू से फैलने वाले स्क्रब टाइफस का भी शिकार हो रहे हैं. अब तक इस साल जे.के. लोन अस्पताल में डेंगू के 375 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से सितंबर में ही 348 बच्चों में डेंगू का संक्रमण पाया गया. स्क्रब टाइफस के भी 127 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 97 सितंबर में ही पॉजिटिव पाए गए.

डेंगू से बचाव के उपाय
सवाई मानसिंह अस्पताल के विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू से बचाव ही सबसे अच्छा तरीका है. इस साल अच्छी बारिश के कारण पानी जमा होने से मच्छरों के लार्वा पनपने लगे हैं, जिससे डेंगू का खतरा बढ़ गया है. विशेषकर माता-पिता को बच्चों की सेहत पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें ऐसी जगहों से दूर रखना चाहिए जहां गंदगी हो या मच्छरों के पनपने की संभावना हो. सरकारी अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ओपीडी के समय में बढ़ोतरी की गई है. कुछ अस्पतालों में अवकाश के दिन भी ओपीडी सेवाएं दी जा रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि स्क्रब टाइफस भी डेंगू की तरह खतरनाक हो सकता है, और गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है. डेंगू के लक्षण, जैसे बुखार, सिरदर्द और उल्टी, सात से दस दिनों के भीतर दिखाई देने लगते हैं. इसलिए समय पर सावधानी बरतकर और सफाई का ध्यान रखकर डेंगू से बचा जा सकता है.

Tags: Health News, Jaipur news, Local18, Rajasthan news



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