गाजियाबादः लैंडक्राफ्ट मेट्रो होम्स सोसाइटी के निवासी अपनी समस्याओं को लेकर गुस्से में है. उनका कहना है कि सोसाइटी में मूलभूत सुविधाओं का अंबार है, जिसको लेकर सोसाइटी के मुख्य द्वार पर सांकेतिक धरने पर बैठ गए. 10% मेंटेनेंस चार्ज की वृद्धि और अन्य समस्याओं को लेकर बिल्डर के खिलाफ यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया.
सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि पिछले दो महीनों से वे बिल्डर से मेंटेनेंस शुल्क का पूरा हिसाब मांग रहे हैं, लेकिन बिल्डर की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है. इसके चलते निवासियों में नाराजगी और बढ़ गई है. निवासियों का आरोप है कि पहले से ही मेंटेनेंस चार्ज अधिक है, फिर भी कोई समस्या का हल नहीं हो रहा है.
सांसद से भी की शिकायत
निवासियों ने अपनी समस्याओं को लेकर माननीय सांसद श्री अतुल गर्ग से भी मुलाकात की थी. सांसद ने मैटेनेंस कंपनी के निदेशक श्री मधुर मित्तल से मीटिंग का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक निदेशक द्वारा कोई समय नहीं दिया गया. इस उदासीनता से सोसाइटी निवासियों का धैर्य टूट गया और वे धरने पर बैठने को मजबूर हुए.
सोसाइटी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
लैंडक्राफ्ट मेट्रो होम्स सोसाइटी एक अफोर्डेबल सोसाइटी है, लेकिन इसमें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. सोसाइटी में स्विमिंग पूल और आउटडोर स्पोर्ट्स कोर्ट जैसी सुविधाएं नहीं हैं, जबकि ₹2 प्रति वर्ग मीटर की जगह अब ₹3 प्रति वर्ग मीटर मेंटेनेंस चार्ज वसूला जा रहा है. इसके अलावा, बरसात के मौसम में पानी भर जाता है, जिसे निकालने के लिए अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है.
आवारा कुत्तों और बाउंसरों की परेशानी
सोसाइटी में आवारा कुत्तों का आतंक भी एक बड़ी समस्या है. इसके अलावा, बिल्डर ने सोसाइटी के गेट पर बाउंसर तैनात किए हैं, जो निवासियों और उनके मेहमानों से दुर्व्यवहार करते हैं, जिससे सोसाइटी में भय का माहौल बना रहता है.
समस्याओं का समाधान न होने पर अनशन की चेतावनी
सोसाइटी के निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और मेंटेनेंस चार्ज में 10% की वार्षिक वृद्धि का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो वे अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन और शांतिपूर्ण धरना देने के लिए मजबूर होंगे.
निवासियों की मांगें
मेंटेनेंस शुल्क का पूरा हिसाब दिया जाए. वार्षिक वृद्धि का निर्णय रद्द किया जाए. सोसाइटी की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हो. बाउंसरों की तैनाती समाप्त की जाए और आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान किया जाए. अब देखना यह है कि बिल्डर इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या निवासियों की समस्याओं का कोई समाधान निकल पाता है.
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FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 13:54 IST