मंडी: मंडी जिला में शरद ऋतु का आगमन हो चुका है, जिससे मौसम में बदलाव जारी है. ऊपरी क्षेत्रों के निवासियों ने इस मौसम के लिए लकड़ी, ईंधन और खाने की वस्तुओं को स्टोर करना शुरू कर दिया है. हालांकि, इस कड़ाके की ठंड में बच्चे और बुजुर्ग अक्सर सर्दियों से संबंधित बीमारियों जैसे खांसी, बुखार और जुखाम का सामना करते हैं. लोकल 18 की टीम ने आयुर्वेदिक डॉक्टर ओम राज शर्मा से चर्चा की, जिन्होंने शरद ऋतु में उपयोगी आहार और नुस्खों के बारे में बताया.
संतुलित आहार का महत्व
डॉक्टर ओम राज शर्मा के अनुसार, शरद ऋतु में विविधतापूर्ण और संतुलित आहार लेना अत्यंत आवश्यक है. ये एक ऐसी आदत है जिसे हमें केवल पतझड़ के मौसम के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष अपनाना चाहिए. विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए. खासकर, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों का चयन करना चाहिए.
सर्दी के लक्षण और सावधानियां
आम सर्दी, जो अक्सर राइनोवायरस के कारण होती है, शरद ऋतु में अधिक प्रचलित होती है. इसके लक्षणों में बहती नाक, छींकने, खांसी और गले में खराश शामिल हैं, जो एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक परेशान कर सकते हैं. हालांकि ये फ्लू से हल्का होता है, फिर भी ये आमतौर पर एक नियमित चिंता का विषय बन जाता है.
पानी का महत्व
स्वस्थ रहने के लिए शरद ऋतु में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है. सर्दियों में प्यास कम लगती है, जिसके कारण लोग पानी कम पीते हैं. इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है. आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और बीमारियों से बचने में मदद मिलती है. शरद ऋतु में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और आयुर्वेदिक नुस्खों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इससे हम सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 17:44 IST
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