IAF Story: एयरफोर्स में ऑफिसर की नौकरी (Sarkari Naukri) दो लेवल पर मिलती है. एक तो 12वीं के बाद एनडीए के जरिए, तो दूसरा ग्रेजुएशन के बाद सीडीएस और AFCAT के जरिए ऑफिसर बन सकते हैं. इसके बाद प्रमोशन पाकर वाइस एयर चीफ मार्शल तक पहुंच पाते हैं. इसमें से अधिकांश लोग जो एनडीए के जरिए ऑफिसर बनते हैं, वे एयरफोर्स प्रमुख के पद तक पहुंचते हैं. ऐसे ही एक एयरफोर्स ऑफिसर हैं एसपी धारकर (Air Marshal SP Dharkar), जिन्हें सरकार ने वाइस एयर चीफ मार्शल नियक्त किया है. यह एयर मार्शल एपी सिंह का स्थान लेंगे.
NDA के रहे कैडेट
वाइस एयर चीफ मार्शल बनाए गए एसपी धारकर (Air Marshal SP Dharkar) एक प्रतिष्ठित फाइटर पायलट हैं. उन्हें 3,600 से अधिक उड़ान घंटों के साथ एयर मार्शल धारकर इस पद पर व्यापक अनुभव लेकर आए हैं. वे देहरादून में राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज, नेशनल डिफेंस एकेडमी, पुणे, वेलिंगटन में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और संयुक्त राज्य अमेरिका में एयर वार कॉलेज के पूर्व छात्र हैं. जून 1985 में कमीशन प्राप्त करने के बाद उन्होंने एक योग्य फ्लाइट इंस्ट्रक्टर, फाइटर स्ट्राइक लीडर, इंस्ट्रूमेंट रेटिंग इंस्ट्रक्टर और एग्जामिनर के रूप में रहे हैं.
मिलिट्री एजुकेशन से रहे जुड़े
अपने पूरे करियर के दौरान धारकर (Air Marshal SP Dharkar) ने एक फ्रंटलाइन फाइटर स्क्वाड्रन और एक फाइटर फ्लाइंग ट्रेनिंग एस्टेब्लिशमेंट की कमान संभाली है. वे प्रोफेशनल तौर पर भी मिलिट्री एजुकेशन में भी शामिल रहे हैं. उन्होंने रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और सिकंदराबाद में कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर में अधिकारियों को पढ़ाया है. अपनी ऑपरेशनल भूमिकाओं के अलावा धारकर ने वायु सेना मुख्यालय में असिस्टेंट वायु सेना प्रमुख (ट्रेनिंग) और पूर्वी वायु कमान में वायु रक्षा कमांडर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.
डिफेंस स्पेस एजेंसी के रहे पहले DG
एयर मार्शल एसपी धारकर (Air Marshal SP Dharkar) डिफेंस स्पेस एजेंसी के पहले महानिदेशक थे. पिछले दो वर्षों से वे पूर्वी वायु कमान का नेतृत्व कर रहे हैं.
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Tags: Indian air force, Indian Air Force officer
FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 15:10 IST