India Bangladesh Relations: बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद यूनुस सरकार ने दुर्गा पूजा के मौके पर भारत भेजी जाने वाली पद्मा हिल्सा मछली के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी, लेकिन सरकार के इस फैसले की आलोचना और विरोध के स्वर उठने के बाद बांग्लादेश सरकार घुटने पर आ गई। यूनुस सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पद्मा हिल्सा मछली की पहली खेप, जिसका वजन 45-50 टन है, उसे पश्चिम बंगाल भेज दिया है। अधिकारियों ने दुर्गा पूजा से पहले इस खेप को बहुप्रतीक्षित आयात बताया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत को कुल 2,420 टन हिल्सा एक्सपोर्ट करने जा रही है, जिसकी सभी खेपें 12 अक्टूबर तक पहुंचने की उम्मीद है। हावड़ा थोक मछली बाजार में हिल्सा मछली का थोक दाम अभी 1,400 रुपये से 1,600 रुपये प्रति किलोग्राम है। अपने बेहतरीन स्वाद के लिए मशहूर यह मछली पेट्रापोल-बेनापोल सीमा पार कर हावड़ा बाजार पहुंच गई है, जहां इसे कोलकाता और उसके आसपास के विभिन्न खुदरा बाजारों में वितरित की जाएगी।
जुलाई 2012 से बांग्लादेश ने हिल्सा मछली के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन 2019 से दुर्गा पूजा के दौरान भारत को निर्यात के लिए विशेष अनुमति दी है। हावड़ा थोक मछली बाजार संघ के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने कहा, “हर साल की तरह, हमने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पूजा के अवसर पर हिल्सा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। हालांकि, कुछ आंतरिक मुद्दों के कारण देरी हुई। लेकिन देर आए दुरुस्त आए। कल, खेप पेट्रापोल में उतरी। 45 से 50 मीट्रिक टन हिल्सा की पहली खेप सीमा स्टेशन से भारत और पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर चुकी है। यह खेप आज सुबह से हावड़ा, पाटीपुकुर, सियालदह और सिलीगुड़ी मछली बाजारों में बेची जा रही है और यहां से पहले ही विभिन्न बाजारों में वितरित की जा चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा, “यहां के लोगों में बांग्लादेश की पद्मा हिल्सा को लेकर अलग ही उत्साह है। उन्हें उम्मीद है कि हिल्सा की कीमत कम होगी, लेकिन कीमत थोड़ी अधिक है क्योंकि बांग्लादेश में मछली कम उपलब्ध है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं। 700 से 800 ग्राम की छोटी हिल्सा 900 से 1,000 रुपये में बिक रही है, जबकि एक किलो की हिल्सा 1,400 से 1,500 रुपये में बिक रही है।” मकसूद ने बांग्लादेश में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध से पहले मछली प्राप्त करने की तत्काल आवश्यकता के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “अंतिम समय सीमा 12 अक्टूबर है। हमें इसे तब तक लाना होगा क्योंकि 13 अक्टूबर से 22 दिनों तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है। हिल्सा की हमेशा मांग रहती है और बंगाल में भी हमारा स्थानीय हिस्सा है। लेकिन बांग्लादेश से पद्मा हिल्सा का हिस्सा अलग है। लोग इसके दीवाने हैं।”
उन्होंने एक्सपोर्ट में शामिल लॉजिस्टिक्स के बारे में विस्तार से बताया और कहा, “हम थोक शिपमेंट संभालते हैं। हमारे यहां अलग-अलग सप्लायर्स हैं जो मछली खरीदते हैं और हिल्सा को उन राज्यों में भेजते हैं जहां इसकी मांग है, जैसे कि बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली।” मकसूद ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं सभी से कहूंगा कि कृपया हिल्सा का आनंद लें, खासकर दुर्गा पूजा के दौरान। त्योहारों का मौसम आ गया है और हम बांग्लादेश सरकार से प्रतिबंध में ढील देने का अनुरोध करेंगे ताकि हम पूरे साल उपभोक्ताओं को हिल्सा की आपूर्ति जारी रख सकें।”