प्रयागराज. तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने को लेकर साधु-संतों ने गहरी नाराजगी जताई है. संतों ने केंद्र सरकार से इस मामले में दखल दिए जाने और दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है. गौरीगंज अमेठी के परमहंस आश्रम के पीठाधीश्वर शिव योगी मौनी महाराज ने कहा है कि यह कृत्य सनातन धर्म को कमजोर करने की बड़ी साजिश है. उन्होंने कहा है कि इस साजिश में विदेशी ताकतों के भी शामिल होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. यह करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर हमला है.
मौनी महाराज ने कहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए. जो भी लोग इस मामले में दोषी हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्हें सबक सिखाने के लिए फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वालों को सबक सिखाया जा सके. उन्होंने कहा है कि इस खुलासे से देश भर के संत महात्मा दुखी है.
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेसश में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावत का मामला सामने आया है. मंदिर में मिलने वाला प्रसाद (लड्डू) में जानवरों की चर्बी होने की बात सामने आई है. इस खबर के बाद पूरे देश में बवाल मच गया. चौंकाने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं का वितरण न केवल श्रद्धालुओं के बीच किया गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता था. ये मामला सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है. जिसके बाद अब इस मामले में नेताओं के बाद कई बड़े-बड़े साधू संतों के बयान भी सामने आ रहे हैं जो कि आरोपियों की फांसी की मांग कर रहे हैं.
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 18:19 IST