रिपोर्ट- नीरज राज
बस्ती: जिले, समाज और प्रदेश में अधिकारी लोग शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, सड़क, भ्रष्टाचार तक विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं. हालांकि, इनमें से कुछ अधिकारी ऐसे भी होते हैं जो खुद को दी गई जिम्मेदारी को निभाने में खास इंट्रेस्ट नहीं दिखाते हैं. यही वजह है कि लोगों को उन कार्यों से जुड़ी कई शिकायतें भी होती हैं. सोचिए यदि ऐसा हो कि जिस अधिकारी की जिम्मेदारी वृक्षों को तस्करों से बचाना हो और उसे खुद पर्यावरण से और पेड़-पौधों से गहरा लगाव हो तो उस काम का नतीजा ही कुछ और दिखेगा. इसी तरह जानवरों की तस्करी रोकने से लेकर सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि कई क्षेत्र हैं जिनको बेहतर बनाने की जिम्मेदारी अधिकारियों पर ही होती है. यदि उस क्षेत्र में उनका खुद गहरा लगाव है तो फिर उस क्षेत्र में बदलाव आना तय है. ऐसे ही एक अधिकारी ने गौ सेवक के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
गौ सेवक के रूप में पहचान बनाने वाले विनोद कुमार सिंह खंड विकास अधिकारी के पद पर परसरामपुर में तैनात हैं. आए दिन खंड विकास अधिकारी समय-समय पर सरकार द्वारा प्रचलित योजनाओं एवं विकास के कार्यों का जायजा तो लेते ही रहते हैं साथ में गौशालाओं का नियमित निरीक्षण करना इनका रूटीन काम बन गया है. गौ सेवा उनकी दिनचर्या में शामिल है. लगभग दो दर्जन से ज्यादा गौशालयों का जीर्णोधार विनोद कुमार के द्वारा किया गया. उनमें बाउंड्री वॉल, चारे का प्रबंध और जमीन पर ईंट बिछाने का काम वह स्वयं और ADO पंचायत राम सुरेश यादव और अन्य सहयोगियों के द्वारा निजी तौर पर लगातार करते रहते हैं.
विनोद कुमार सिंह बताते हैं कि सुबह 7:00 से 9:00 तक वह गौ सेवा करने के बाद ही जलपान ग्रहण करते हैं फिर इसके बाद चाय, पानी और नाश्ता करके अपने कार्यालय चले जाते हैं. खंड विकास अधिकारी विनोद कुमार सिंह के द्वारा कई गौशालाओं का पुनरुद्धार किया जा चुका है.
अब तक कई गौशालाओं का हो चुका कायाकल्प
विकासखंड परसरामपुर में गौशालाओं का पुनरुद्धार और कायाकल्प का कार्यक्रम निरंतर जारी है जिनमें सिरसहवा ग्राम पंचायत में 10,000 ईटों को दान स्वरूप प्राप्त कर श्रम दान द्वारा स्वयं और लोगों के साथ गौशाला में ईट बिछाकर एवं पशुओं के चारे पीने के पानी एवं टीन शेड की व्यवस्था किए थे. गौशाला नागपुर कुंवर परसरामपुर में गौशाला परिसर की साफ-सफाई और पशुओं को दाना, भूसा, चूनी, चोकर देने के बाद दान में प्राप्त 24,000 ईंटों का खडंजा श्रमदान द्वारा परिसर में लगवाया गया.
निंदौर माफ़ी गौशाला के पूरे परिसर की साफ सफाई कराकर पशुओं को हरा चारा, चोकर और गुड़ आदि आहार का प्रबंध किया गया था. नेपियर घास का भी रोपण निंदौर माफी गौशाला में कराया गया. नागपुर कुंवर में 24,000 ईंट, अनेकों गौशाला का जीर्णोद्धार, सिरसहवा गौशाला परसरामपुर में 4,000 ईंट दान में प्राप्त करते हुए सिरसहवा गौशाला में श्रमदान द्वारा परिसर में खड़ंजा लगवाया गया. अतः पूर्ण रूप से परिसर कीचड़ मुक्त हो गया है. पूर्व में 12,000 ईंट दान में प्राप्त हुई थी उसे श्रमदान के द्वारा खडंजा लगवाया जा चुका था. इस प्रकार इस गौशाला हेतु कुल 16,000 ईंटें दान स्वरूप प्राप्त हुई थी.
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FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 19:52 IST