Mpox RT-PCR Kit: कोरोना जब आया था तो हमारे देश में इसकी जांच करने की लिए तकनीकी नहीं थी. हमें विदेश पर निर्भर होना पड़ा था. बहुत दिनों बाद स्वदेशी RT-PCR किट विकसित हो पाया लेकिन एमपॉक्स के लिए भारत ने पहले ही स्वदेशी RT PCR kit तैयार कर लिया है. इसके लिए अब विदेश से किट मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. भारत के सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने इस किट को विकसित किया है और दावा किया है कि इस किट की मदद से सिर्फ 40 मिनट में जांच रिपोर्ट आ जाएगी. हालांकि अच्छी बात यह है कि अब तक भारत में एमपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन निकट भविष्य में अगर आता है तो इसके लिए सरकार ने पुख्ता व्यवस्था पहले ही कर दी है.
हर साल बनेगी 10 लाख किट
रिपोर्ट के मुताबिक इस किट को सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी ने बनाया है. किट से केवल 40 मिनट में एमपॉक्स की जांच के सटीक परिणाम मिल सकेंगे. सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा यह हमारी मेक इन इंडिया पहल के लिए बड़ी उपलब्धि है. जल्द ही लोगों को यह किट मिल सकेगी. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसे मंजूरी दे दी है. आइएमडीएक्स एमपॉक्स डिटेक्शन आरटी-पीसीआर किट को वडोदरा में मोलेक्युलर डायगोनास्टिक्स यूनिट में बनाया जाएगा. हर साल करीब 10 लाख किट बनाई जा सकेंगी. जल्द ही लोगों को यह किट मिल सकेगी. डब्ल्यूएचओ ने एमपाक्स की स्थिति को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. इससे पहले जुलाई 2022 में भी एमपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया था.
दुनिया के लिए खतरनाक बन रही एमपॉक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में मंकीपॉक्स बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य के इमरजेंसी घोषित कर दिया है.यानी मंकीपॉक्स के पूरी दुनिया में फैलने की आशंका है, इसलिए पूरी दुनिया को सतर्क होने की जरूरत है. यह बीमारी फिलहाल डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगों में तहलका मचाई हुई है. चिंता की बात यह है कि एमपॉक्स का नया स्ट्रैन Clade-b बेहद खतरनाक है और यह 10 प्रतिशत लोगों की जान ले लेता है.यह बीमारी अब कांगों से निकलकर कांगों की सीमा से सटे बुरुंडी, केन्या, रवांडा, यूगांडा जैसे देशों में पसर चुका है. यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ ने इस बात की अंदेशा जताई है कि यह बीमारी और देशों में भी फैल सकती है. मंकीपॉक्स की बीमारी का खतरा समलैंगिंक पुरुषों में ज्यादा है. इसके अलावा अनेकों के साथ संबंध बनाने वालों में भी यह बीमारी हो रही है. हालांकि बीमारी वाले लोगों के निकट संपर्क में रहने से भी यह बीमारी हो सकती है. इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 16:31 IST