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Wednesday, January 15, 2025

VIDEO: अच्छा था कि वह मेरा आखिरी दिन था, 30 सेकंड का वो पल जो द्रविड़ को आज भी कर देता है शर्मिंदा

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नई दिल्ली. राहुल द्रविड़ ऐसा नाम है, जिसने भारत को गर्व करने के अनेक पल दिए हैं. बतौर खिलाड़ी टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले द्रविड़ ने कोच बनकर भारत को वर्ल्ड चैंपियन भी बनाया. लेकिन वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद 30 सेकंड का एक ऐस लम्हा भी आया, जिसे यादकर राहुल द्रविड़ खुद को लज्जित महसूस करने लगते हैं. द्रविड़ ने एक कार्यक्रम में खुद यह बात स्वीकार की.

भारतीय क्रिकेट में जब भी कूल रहकर अपना काम करने की बात आती है तो राहुल द्रविड़ सबसे पहले याद आते हैं. जीत या हार पर उनकी प्रतिक्रिया में बहुत अंतर नहीं होता है. ना तो उन्होंने जीत के जश्न में जोश में होश खोया और ना ही हार में हताश दिखे. तभी तो जब टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद का उनका रिएक्शन वायरल हो गया. राहुल द्रविड़ ने हाथों में ट्रॉफी लेकर तकरीबन 30 सेकंड तक जिस अंदाज में जश्न मनाया, उसके बाद से तो उन्हें ‘इंदिरानगर का गुंडा’ कहा जाने लगा.

सीएट अवॉर्ड सेरेमनी में जब राहुल द्रविड़ से इस जश्न पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘बार-बार इसका जवाब देकर थक गया हूं. उस 30 सेकंड के लिए (जश्न) के लिए मैं आज भी शर्मिंदा महसूस करता हूं. अच्छा था कि वह मेरा आखिरी दिन (बतौर कोच) था. नहीं तो लड़के (टीम के खिलाड़ी) मुझसे कहते कि सिखाते तो कुछ और हो और करते कुछ और हो.’





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