गुजरात में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। जगह-जगह पानी भर गया है। वडोदरा में विश्वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब दो दर्जन मगरमच्छ बाढ़ के पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच गए। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। दो लड़के स्कूटी पर मगरमच्छ को लेकर कहीं जा रहे हैं। जी हां… एक लड़का स्कूटी चला रहा है और दूसरा मगरमच्छ को लेकर पीछे बैठा है।
स्कूटी पर मगरमच्छ की सवारी
जानकारी के मुताबिक, वायरल हो रहा 18 सेकंड का वीडियो वडोदरा का है। मगरमच्छ को पकड़ कर दो युवक उसे वन विभाग के दफ्तर पहुंचा रहे हैं। मगरमच्छ पकड़े लड़के के टीशर्ट पर IMA (Indian Medical Association) वडोदरा लिखा हुआ है। वहीं वन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि इन सभी मगरमच्छ को बचा लिया गया है। दरअसल, कुल 24 मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में पहुंच गए थे। कई मगरमच्छों के रेस्क्यू वाले वीडियो भी सामने आए थे। लेकिन इस तरह किसी मगरमच्छ को स्कूटी पर बैठाकर रेस्क्यू करता देख सभी लोग हैरत में हैं।
वीडियो पर हंसा देने वाले कमेंट्स
एक्स पर अर्चना नाम की यूजर ने इस वायरल वीडियो पर लिखा कि ‘ऐसा दिख रहा है कि मगरमच्छ यात्रा को एन्जॉय कर रहा है।’ आर्यांश ने लिखा, ‘यह पूरी तरह से गलत है। बगैर हेलमेट पहने यह मगरमच्छ यात्रा कैसे कर सकता है?’ सत्यम ने लिखा, ‘इसलिए पुरुष ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रहते हैं।’ रोहित ने लिखा, ‘इन्हें खतरों के खिलाड़ी का अवार्ड जरूर मिलेगा।’ संजना ने लिखा, ‘ऐसा लग रहा कि यह इनका पालतू जानवर है।’ वहीं ज्यादातर लोगों ने युवकों के इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना भी की।
मगरमच्छों के अलावा और जानवरों को भी बचाया गया
वडोदरा रेंज के वन अधिकारी करण सिंह राजपूत के मुताबिक, विश्वामित्री नदी में लगभग 440 मगरमच्छ रहते हैं, जिनमें से कई अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के दौरान बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं। अधिकारी ने कहा, ‘इन तीन दिनों के दौरान हमने 24 मगरमच्छ के अलावा 75 अन्य जानवरों को भी बचाया, जिनमें सांप, कोबरा, लगभग 40 किलोग्राम वजन वाले पांच बड़े कछुए और एक साही शामिल हैं। विश्वामित्री नदी के नजदीक कई रिहायशी इलाके हैं।’
अधिकारी ने बताया, ‘सबसे छोटा मगरमच्छ जिसे हमने बचाया, वह दो फुट लंबा है, जबकि सबसे बड़े मगरमच्छ की लंबाई 14 फुट है। इसे गुरुवार को नदी के किनारे स्थित कामनाथ नगर से पकड़ा गया था। स्थानीय निवासियों ने हमें इसके बारे में सूचित किया था। इनके अलावा 11 फुट लंबे दो अन्य मगरमच्छ को बृहस्पतिवार को ईएमई सर्कल और एमएस (मनोनमनियम सुन्दरनार) विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग के पास एक खुले क्षेत्र से बचाया गया।’