महाराष्ट्र की सत्ताधारी एनडीए यानी महायुति गठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। कभी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उप मुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के बीच खटपट की खबरें आती हैं तो कभी इन दोनों नेताओं के बीच फाइलों के निपटारे को लेकर रस्साकसी की खबरें आती है। अब तो अजित पवार की एनसीपी और गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के बीच ही खटपट की खबरें सरे आम हो गई हैं। इस खटपट और अंदरखाने चल रही लड़ाई की बानगी रविवार को देखने को मिली, जब पुणे जिले के जुन्नार इलाके में ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार को कुछ लोगों के एक समूह ने काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारे भी लगाए।
उन प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने हाथों में भाजपा के झंडे लिए हुए थे और उन्होंने आधिकारिक समारोह आयोजित करने तथा सहयोगियों को “दरकिनार” करने के लिए पवार की आलोचना की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अजित पवार ने गठबंधन सहयोगियों को जुन्नार पर्यटन क्षेत्र समेत कई योजनाओं से जुड़ी समीक्षा बैठकों में नजरअंदाज किया और उन्हें शामिल होने से वंचित रखा। जुन्नार को को 2018 में राज्य का पहला विशेष पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया था।
अजित पवार को काला झंडा दिखाए जाने के बाद एनसीपी और बीजेपी आमने-सामने आ गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस घटना पर स्पष्टीकरण मांगा है। राकांपा, भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना राज्य में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के घटक दल हैं।
पुणे जिले के जुन्नार तालुका के नारायणगांव में अपनी जन सम्मान यात्रा के दौरान पवार ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों और पर्यावरणविदों के साथ विकास कार्यों और स्थानीय मुद्दों पर बैठक की थी। उन्होंने निर्देश जारी किए कि विकास कार्य पर्यावरण अनुकूल होने चाहिए। ‘एक्स’ पर राकांपा नेता मिटकरी के खाते एक समाचार चैनल की क्लिप पोस्ट की गयी जिसमें पवार के जुन्नार पहुंचने पर कुछ लोगों को काले झंडे और भाजपा के झंडे लेकर नारे लगाते हुए देखा गया है।
मिटकरी ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव से पहले जन सम्मान यात्रा राकांपा का एक अलग कार्यक्रम है। राकांपा नेता ने कहा, “जिन लोगों ने काले झंडे दिखाए, उन्हें भी अलग से ऐसा करना (यात्रा निकालना) चाहिए। देवेंद्र फडणवीस को इस घटना पर तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए।” (भाषा इनपुट्स के साथ)