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दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत का मुद्दा आज संसद में भी गूंजा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में इस मामले को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब देश विश्व शक्ति के तौर पर उभर रहा है, तब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऐसी घटना हुई है। यह हम सभी के लिए चिंता की बात है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ’27 जुलाई को जो घटना हुई है, इस हम जितना भी खेद प्रकट करें तो उससे कोई भरपाई नहीं होने वाली है। पीड़ित परिवार के प्रति हम श्रद्धांजलि देते हैं। यह सभी का दावित्य बनता है कि ऐसी घटना दोबारा न हो। इस मामले में लापरवाही तो हुई है जिसका किसी न किसी को उत्तर तो देना पड़ेगा।’
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सदन में इस मामले को लेकर अब तक जो चर्चा हुई है उसमें कुछ पहलू निकलकर सामने आए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार में हैं तो कोचिंग सेंटर्स को लेकर दायित्व हमारे भी बनते हैं। शिक्षा समवर्ती सूची में आती है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें दोनों विचार कर सकती हैं।’ उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर्स के बारे में केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते रहे हैं। दिल्ली और कोटा के अलावा दूसरी जगह की घटनाओं को लेकर भी चर्चा हुई है।
छात्रों का बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन
शनिवार को बारिश के बाद राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भर गया। इसके चलते सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी। छात्रों ने रविवार को भी बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया था। उन्होंने करोल बाग मेट्रो स्टेशन के पास पूसा रोड के दोनों मार्गों को अवरुद्ध कर दिया था। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम सभी से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की अपील करते हैं। पूसा रोड महत्वपूर्ण मार्ग है, जिसके आसपास कई अस्पताल स्थित हैं। हमने इलाके में अवरोधक लगाए हैं और शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन के कारण किसी को भी परेशानी न हो।’