शाहजहांपुर: पिछले कुछ समय से किसानों का रुझान जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहा है. किसान रासायनिक उर्वरकों की जगह पर वर्मी कंपोस्ट या फिर गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार किसान गोबर को खाद में तब्दील किए बिना ही कच्चे गोबर को खेत में डाल देते हैं जो कि नुकसानदायक हो सकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉक्टर एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक और प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं. किसान मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कच्चे गोबर का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद हानिकारक हो सकता है. कच्चा गोबर फसल को फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान भी दे सकता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान कच्चा गोबर का इस्तेमाल न करें.
मीथेन गैस से हो सकता फसल को नुकसान
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि कच्चे गोबर में मीथेन गैस बहुत अधिक मात्रा में पाया जाती पाई जाती है. यह गैस जहरीली होती है जो कि वातावरण को नुकसान पहुंचाती है. मीथेन गैस की वजह से मिट्टी में मौजूद लाभदायक जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं. जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है.
गोबर से लग सकती है दीमक
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि कच्चा गोबर खेत में डालने से फसल में दीमक लग सकती है क्योंकि गोबर दीमक का प्रिय भोजन है, गोबर खेत में डालते ही आसपास मौजूद दीमक खेत में पहुंच जाती है. जो धीरे-धीरे दीमक की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि फसल को नुकसान पंहुचाना शुरू कर देती है और फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है.
खाद में कैसे करें तब्दील?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि गोबर को कच्चा ना डालते हुए इसको खाद में तब्दील कर फिर खेत में डालना चाहिए. जिससे पौधों को उचित पोषण मिलेगा, पौधों की अच्छी बढ़वार होगी. किसानों को बेहतर उत्पादन मिलेगा. गोबर को खाद में तब्दील करने के लिए पिट बनाकर उसमें गोबर को भरकर ऊपर से मिट्टी से ढक दें. कुछ ही दिनों में गोबर खाद में तब्दील हो जाएगा. या फिर गोबर को केंचुआ के मदद से भी खाद में तब्दील किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 14:15 IST