यूपी बीजेपी और सरकार के बीच अंदरखाने तलवारें खींचती दिखाई दे रही हैंक के बाद एक कई विधायक और मंत्री अपनी ही सरकार को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं
मिर्जापुर. लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यूपी बीजेपी और सरकार के बीच अंदरखाने तलवारें खींचती दिखाई दे रही हैं. एक के बाद एक कई विधायक और मंत्री अपनी ही सरकार को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं. इतना ही नहीं सभी एक सुर में अधिकारियों को आड़े हाथों ले रहे हैं. इसी कड़ी एक और नाम विधायक रत्नाकर मिश्रा का भी जुड़ गया है. मिर्जापुर में एक कार्यक्रम के दौरान मंच से सम्बोधित करते हुए उन्होंने अधिकारियों के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की.
बीजेपी विधायक ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के उत्थान के लिए लगी हुई है, लेकिन अधिकारी लोग खेला कर रहे हैं. हमारे घर से दो सौ मीटर पर कार्यक्रम हो रहा है. मुझे आठ बजे रात आदेश दिया जा रहा है कि आना है. इस तरह से अधिकारियों का रवैया है. यह सब अब नहीं चलेगा. जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करेंगे तो भला नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे ऊपर बात करेंगे.
इन नेताओं ने भी सरकार को घेरा
दरअसल, इससे पहले मंत्री मोती सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पाए सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने कहा कि ऐसा भ्रष्टाचार पहले कभी नहीं देखा. उधर डिजिटल अटेंडेंस के मुद्दे पर बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने बताया कि अगर 2027 में बीजेपी को जीतना है तो शिक्षकों के अटेंडेंस वाले मुद्दे पर ध्यान देना होगा. देवेंद्र प्रताप ने यह भी कहा कि अगर शिक्षकों के अटेंडेस के मुद्दे पर सही ढंग से हल नहीं किया गया तो गंभीर राजनीतिक परिणाम सामने आएंगे.
10 सीटों पर होना है उपचुनाव
उधर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी जिला प्रशासन पर कार्यकर्ताओं से सहयोग न करने का आरोप लगाया. इतना ही ही नहीं बीजेपी संगठन की तरफ से केंद्रीय नेतृत्व को भी इसकी जानकारी दी है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के बाद अब 10 सीटों पर उपचुनाव होने में हैं. ऐसे में योगी सरकार की साख दांव पर लगी है. इस बीच सरकार के मंत्री और विधायक अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाकर सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 11:23 IST