समस्तीपुर. पूरे देश दुनिया में जो बीमारी सबसे ज्यादा तेजी से फैल रही है वो है डायबिटीज. यही बाकी बीमारियों की जड़ है. बदलती जीवनशैली, तनाव डायबिटीज के बड़े कारण हैं. डायबिटीज कंट्रोल की जा सकती है. इस बीमारी में एक ही फल है जो कारगर होता है वो जामुन.
भारत में मधुमेह के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए, इस बीमारी के प्रबंधन के लिए सबसे पहले जिस फल की ओर हमारा ध्यान जाता है, वह है जामुन. फल के अलावा, इसके बीजों से बने पाउडर का उपयोग भी मधुमेह कंट्रोल के लिए किया जाता है. जामुन से होम्योपैथिक दवा भी बनाई जाती है. जामुन का पेड़ लगाने के बाद 50 से 60 साल तक फल देता है. औषधीय गुणों के अलावा, जामुन का फल भी लोग बहुत पसंद करते हैं. इनका उपयोग जैम, जैली, वाइन और शर्बत बनाने में किया जाता है.
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
जामुन का सीजन मुश्किल से महीने 15 दिन चलता है. अगर घर पर ही इसका पेड़ लगा लिया जाए तो और भी बढ़िया. सालभर की डोज आपको घर पर ही आसानी से मिल जाएगी. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के फल वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया जुलाई और अगस्त जामुन के नए बाग लगाने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं. जामुन का पेड़ उष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपता है और ऐसी परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. पूरी तरह से विकसित होने पर, जामुन का पेड़ आम तौर पर 20 से 25 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है, जो एक मानक पेड़ जैसा दिखता है. जामुन की खेती के लिए उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है. इसे अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में लगाना सबसे अच्छा होता है. इसे कठोर या रेतीली मिट्टी में नहीं उगाना चाहिए. सफल खेती के लिए मिट्टी का पीएच स्तर आदर्श रूप से 6 से 8 के बीच होना चाहिए. जामुन के बीजों को अंकुरित होने के लिए लगभग 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है, उसके बाद पौधों को बढ़ने के लिए लगातार तापमान की आवश्यकता होती है.
अच्छे फल के लिए बारिश जरूरी
जामुन उष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपता है. ठंडे क्षेत्रों को छोड़कर भारत के अधिकांश क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. पेड़ सर्दी, गर्मी या बारिश से प्रभावित नहीं होता. सर्दियों में पाले और गर्मियों में तेज धूप से इसे नुकसान हो सकता है. इसके फलों को पकने के लिए बारिश ज़रूरी है, लेकिन अगर यह फूल आने के दौरान हो तो यह नुकसानदायक हो सकती है.
औषधीय गुणों से भरपूर
जामुन में कई औषधीय गुण होते हैं. हाल ही में, किसानों ने इसकी खेती में रुचि दिखाई है. जामुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिनके कारण इसका फल मनुष्य के लिए उपयोगी होता है. फल खाने से मधुमेह, एनीमिया, दांत और पेट संबंधित बीमारियों में लाभ मिलता है.
जामुन की उन्नत किस्में
भारत में राजा जामुन बहुत पसंद किया जाता है. ये फल बड़े, आयताकार आकार के और गहरे बैंगनी रंग का होता है. इसके अंदर के बीज छोटे होते हैं. जब फल पक जाता है, तो मीठा और रसीला हो जाता है.
-C.I.S.H. J-45 किस्म, इसे उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सेंट्रल फॉर सब-ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर संस्थान ने विकसित किया है. इस किस्म के फल में बीज नहीं होता. वे सामान्य मोटाई के साथ अंडाकार दिखते हैं. जब पकते हैं, तो काले और गहरे नीले रंग के हो जाते हैं. ये फल रसीले और मीठे होते हैं. इस प्रकार का पौधा ज़्यादातर गुजरात और उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है.
-सी.आई.एस.एच. जे – 37 जामुन की इस किस्म को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में तैयार किया गया है. यह फल गहरे काले रंग का होता है और बरसात के मौसम में उगता है. इसके अंदर के बीज छोटे होते हैं. फल मीठा और रसीला होता है.
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FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 13:24 IST